Congress President Election: कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद के लिए किसी की नए चेहरे की तलाश कर रही है। राजस्थान कांग्रेस सियासी संकट के बीच मुकुल वासनिक का नाम इस रेस में शामिल होता दिखाई दे रहा है। हाल के दिनों में कांग्रेस ने उन्हें मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव के प्रभार से मुक्त कर दिया है। जिसकी वजह से इसे और बल मिला है। मुकुल वासनिक अपने चार दशकों के लंबे राजनीतिक करियर में हमेशा विवादों से दूर रहे हैं। पार्टी के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले महासचिवों में उन्होंने कई राज्यों की जिम्मेदारियां निभाई हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि मुकुल वासनिक न केवल अपने साफ रिकॉर्ड के लिए जाने जाते हैं। सबसे अहम तथ्य ये है कि वह एक दलित नेता हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में काफी वक्त तक दिल्ली में बिताया गया है। जो उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए केंद्र में रखता है। एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि अभी भी किसी ने वासनिक को बागी के रूप में नहीं देखा।
जानिए कौन हैं मुकुल वासनिक
मुकुल वासनिक एक राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता दिवंगत बालकृष्ण वासनिक हैं, जो सांसद थे। वह विदर्भ के रहने वाले हैं। तीन साल पहले 60 साल की उम्र में उन्होंने दोस्त रवीना खुराना के साथ शादी के बंधन में बंधे। वासनिक ने साल 1984 से 1986 तक भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे। साथ ही 1988 से 1990 तक भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। उस समय वह 25 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के सांसद बन गए थे। हालांकि, उसके बाद से उनका चुनावी रिकॉर्ड मिलाजुला रहा है।
1984 में पहली बार बुलढाणा से जीते
वासनिक पहली बार 1984 में बुलढाणा से जीते थे और जब उन्होंने दो बार और सीट बरकरार रखी। साथ ही वे भी तीन बार हार गए थे। साल 2009 में मुकुल वासनिक नागपुर के पास रामटेक से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। वहीं, साल 2014 में लोकसभा चुनाव हार गए। उन्होंने 1993-96 में नरसिम्हा राव के तहत केंद्रीय राज्य, खेल, युवा मामले और संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में कार्य किया। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार 2009-14 के दौरान केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थे। इस समय वह राज्यसभा सांसद हैं।
जी-23 पत्र पर साइन करने वालों में से एक
मुकुल वासनिक का नाम अगस्त 2020 के जी-23 पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में से एक के रूप में उभरा। जो कांग्रेस पार्टी में बदलाव की मांग कर रहा था। तो यह पूरी तरह से आश्चर्यचकित करने वाला था। वहीं, अगर मुकुल बालकृष्ण वासनिक के हाथ में कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष का पद आता है तो यह दूसरी बार होगा जब वह अपने सहयोगियों को हैरान कर देंगे।