Khan Sir on Baba Saheb Ambedkar News: ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग में अनोखे ढंग से पढ़ाने क लिए मशहूर खान सर की हाल ही में शादी हुई थी, जिसके चलते वे चर्चा में थे लेकिन अब अपने हालिया इंटरव्यूज के चलते वे सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग कीवर्ड बन गए हैं। खान सर ने भारत पाकिस्तान बंटवारे से लेकर पूर्व पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल का जिक्र किया। उन्होंने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की महानता और आरक्षण को लेकर भूमिका पर भी बड़ी बात कही, जिसके चलते वे इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं।
दरअसल, हाल ही में एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की महानता को लेकर चर्चा की। खान सर ने कहा कि आज के वक्त में कुछ लोग सरदार पटेल के पीएम न बनाए जाने को लेकर पैरवी करते हैं। कुछ लोग पंडित नेहरू की पैरवी करते हैं। खान ने कहा कि पैरवी करने वालों से ये पूछा जाना चाहिए कि क्या अंबेडकर साहेब दोनों से ज्यादा योग्य नहीं थे।
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खान सर बोले- अंबेडकर की देशभक्ति पर न उठें सवाल
निजी चैनल के इंटरव्यू में खान सर ने कहा, “अंबेडकर साहब वो व्यक्ति थे, जिनके पास एक अलग देश बनाने का अवसर था। लंदन में 1932 में गोलमेज सम्मेलन चल रहा था। उस वक्त रेमसे मैक्डोनाल्ड ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे। उस वक्त गांधी और अंबेडकर वहीं थे लेकिन उन्होंने कभी अलग देश की बात नहीं की।”
खान सर ने कहा, “अंबेडकर ने गोलमेज सम्मेलन से वापस आकर कहा था कि मुझे दलितों के लिए एक अलग देश नहीं चाहिए, बल्कि मैं दलितों के लिए आरक्षण चाहता हूं जिससे दलितों का उत्थान हो सके।” खान सर ने कहा, “अंबेडकर जिन्ना से कम पावरफुल नहीं थे। इसके बावजूद उन्होंने अलग देश नहीं मांगा था लेकिन कुछ लोग हैं, जो कि अंबेडकर की देशभक्ति पर सवाल खड़े कर देते हैं।”
खान सर ने बंटवारे को लेकर किसे बताया दोषी?
खान सर ने बड़ा बयान दिया कि नेहरू या पटेल की बजाए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को देश का पहला प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए थे। अगर ऐसा होता तो सभी लोग उनके नाम पर राजी हो जाते। खान सर ने कहा, “अगर अंबेडकर का नाम पीएम के लिए प्रस्तावित होता तो जिन्ना भी उन्हें स्वीकार कर लेता और भारत के सभी लोग भी सहमत हो जाते लेकिन निजी ईगो में ऐसा नहीं किया गया।”
खान सर ने कहा कि अंबेडकर के पीएम न बनने और भारत पाकिस्तान बंटवारे के लिए महात्मा गांधी से लेकर पंडित नेहरू और सरदार पटेल नहीं बल्कि सब जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि अगर बाबा साहेब पीएम बनने तो उन्हें सब लोग स्वीकार कर लेते तो कोई बंटवारा ही न होता।
‘अगर बाबा साहेब पहले पीएम बनते तो…’
खान सर से इस दौरान जब मानक गुप्ता ने पूछा कि क्या अगर बाबा साहेब पीएम होते तो क्या आज देश की ये स्थिति न होती? इसको लेकर खान सर ने कहा, “अगर बाबा साहेब बनते तो बहुत सारे सुधार ही होते और स्थिति बदली हुई दिखती।” खान सर ने कहा, “आज सवाल उठता है कि नेहरू अच्छे या पटेल, लेकिन बाबा साहेब का कोई नाम तक नहीं लेता।”
खान सर ने नेहरू पटेल तुलना और बाबा साहेब को नजरंदाज करने को लेकर कहा, “ये तो वही बात हो गई कि किसी शाकाहारी व्यक्ति से मटन या चिकन में एक चुनाव करने को कहा जाए। ऐसे में व्यक्ति चुनाव नहीं कर पाएगा, क्योंकि जो उसे पसंद हैं, वो तो विकल्प में ही नहीं है।” उन्होंने कहा कि इसी तरह पटेल और नेहरू के बीच कोई बाबा साहेब को विकल्प के तौर पर पेश ही नहीं करता है।
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