केरल में इस बार फिर लेफ्ट का लाल झंडा लहराता दिख रहा है। अब तक आए रुझानों में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन फिर से सत्ता में लौटते दिख रहे हैं। दरअसल, 140 विधानसभा सीटों वाले राज्य में हुए चुनाव के नतीजों के लिए मतगणना जारी है। इसमें सत्तासीन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) रुझानों में बहुमत का आंकड़ा पार कर गई है। जबकि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) अभी काफी पीछे हैं। इस बीच उदुमबनचोला से कांग्रेस के उम्मीदवार ईएम अगस्ती ने हार को करीब देखते ही टीवी चैनल के सामने बड़ा ऐलान कर दिया। उन्होेंने कहा कि अगर वे हार गए तो अपना सिर मुंडवा लेंगे। अगस्ती के मुताबिक, उन्होंने इसकी शर्त लगाई थी। बता दें कि उनके सामने सीपीएम नेता एमएम मनी ने खड़े थे, जो कि एकतरफा जीत की ओर बढ़ रहे हैं।

वहीं, भाजपा भी तीसरी पार्टी के तौर पर राज्य में जगह बनाने की कोशिश में नाकाम दिख रही हैं। नेमम सीट पर पार्टी को बढ़त मिली है। इसके अलावा पलक्कड़ से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पार्टी के संभावित सीएम उम्मीदवार मेट्रोमैन ई. श्रीधरन भी हजार से ज्यादा वोटों से आगे हैं। लेकिन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अपनी दोनों सीटों से पीछे हैं।

कोरोना के बीच छह अप्रैल, 2021 को एक चरण में ही चुनाव हुए थे। इस बार कांग्रेस की अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट में यूनियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (जोसेफ) आरएसपी, केरला कांग्रेस (जैकब), सीएमपी (जे) भारतीय नेशनल जनता दल और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लाक मिलकर ताल ठोंक रही हैं। वहीं, लेफ्ट के नेतृत्व वाले एलडीएफ में सीपीएम, सीपीआई, जेडीएस, एनसीपी, केरला कांग्रेस (एम), केरला कांग्रेस (सकारिया थामस), कांग्रेस (सेक्युलर), जेकेसी, इंडियन नेशनल लीग, केरला कांग्रेस (बी) जेएसएस और लोकतांत्रिक जनता दल शामिल हैं, जबकि एनडीए में बीजेपी और भारतीय धर्म जनसेना पार्टी हैं।

बता दें कि सूबे में साल 1980 के बाद से सत्ता पर काबिज होने के बाद किसी भी राजनीतिक दल या गठबंधन को लगातार दोबारा जीत नहीं मिली है। 2021 के चुनावी एग्जिट पोल्स की बात करें तो Axis-My India और India Today के संयुक्त पोल में बताया गया कि केरल में एलडीएफ को 104 से 120 सीटें, यूडीएफ को 20-36, बीजेपी+ को 0-2 और अन्य को भी 0-2 सीटें मिल सकती हैं।