बेंगलुरु की एक स्‍पेशल कोर्ट ने कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ जमीन से जुड़े एक मामले में केस दर्ज करने का आदेश दिया है। यह मामला उस समय का है जब येदियुरप्पा 2006-07 में बीजेपी-जनता दल (एस) गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री थे। एमपी-एमएलए से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए बनी स्‍पेशल कोर्ट ने ये आदेश जारी किया।

स्पेशल कोर्ट के जज बी जयंत कुमार ने वासुदेव रेड्डी की एक निजी शिकायत के आधार पर ये आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(डी) आर-डब्ल्यू धारा 13(2) के तहत दंडनीय अपराध के लिए आरोपी नंबर 2 यानि बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ एक विशेष आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।

वासुदेव रेड्डी ने 2013 में ये याचिका दायर की थी। इसमें येदियुरप्पा दूसरे आरोपी है। इस मामले में तत्कालीन उद्योग मंत्री आरवी देशपांडे आरोपी नंबर एक थे। लेकिन इस मामले में अब येदियुरप्पा एकमात्र आरोपी हैं, क्योंकि देशपांडे के खिलाफ मामले को 2015 में हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

शिकायतकर्ता के अनुसार कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम के तहत राज्य सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी उद्यान स्थापित करने के लिए बेलंदूर, देवरबीसनहल्ली, करियाम्मना अग्रहारा और अमानीबेलंदूर खाने में 434 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। स्पेशल कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि येदियुरप्पा के खिलाफ पहली नजर में मामला बनता है। अदालत ने कहा कि गवाहों की सूची दाखिल करने के बाद ही आरोपी नंबर दो यानि येदियुरप्पा को समन जारी करें।

कभी सरकारी लिपिक रहे येदियुरप्पा को भ्रष्टाचार के चलते 2011 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। हालांकि 2016 में विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें इस मामले से बरी कर दिया था। वो फिर से सीएम बने। लेकिन बीजेपी आलाकमान के दबाव के चलते उन्हें फिर से त्यागपत्र देना पड़ा। अब बसवराज बोम्मई कर्नाटक के सीएम हैं।