महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि कराची एक दिन भारत का हिस्सा होगा। सीनियर BJP नेता की यह टिप्पणी मुंबई में एक दुकान के नाम को लेकर पनपे विवाद के बीच आई है, जिससे जुड़ा कुछ रोज पहले एक वीडियो सामने आया था। क्लिप में Shivsena नेता नितिन नंदगांवकर मुंबई में Karachi Sweets नाम की दुकान के मालिक से शॉप का नाम बदलने की बात करते दिखे थे। हालांकि, शिवसेना ने नंदगांवकर के बयान से दूरी बना ली थी। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और फायर ब्रांड नेता संजय राउत ने कहा था, नंदगांवकर का बयान पार्टी का आधिकारिक स्टैंड नहीं है।
दुकान के नाम पर विवाद पर सवाल पूछे जाने पर 21 नवंबर को फडणवीस ने पत्रकारों से कहा था, “हम ‘अखंड भारत’ में यकीन रखते हैं। हम यह भी मानकर चलते हैं कि कराची एक दिन भारत का हिस्सा होगा।” बीजेपी नेता की इसी टिप्पणी पर सोमवार को राउत ने कहा, “पहले कश्मीर ले आइए, जो कि कश्मीर ने अधिकृत कर रखा है। हम कचारी बाद में चले जाएंगे।”
उधर, फणडवीस के बयान पर महाराष्ट्र के मंत्री ने रविवार को समाचार एजेंसी ANI को बताया था- जिस तरह से भाजपा नेता ने कहा कि कराची एक दिन भारत का हिस्सा होगा। हम तो यह कहते आए हैं कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश को एक हो जाना चाहिए। अगर बर्लिन की दीवार ढहाई जा सकती है, तो फिर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश एक साथ क्यों नहीं आ सकते हैं? अगर BJP इन तीनों मुल्कों का विलय कर एक देश बनाने की इच्छा जताए, तो हम हम बेशक इस कदम का स्वागत करेंगे।
कराची स्वीट्स नाम होने पर दुकानदार से क्या बोले थे शिवसेना नेता? देखें, VIRAL VIDEO
हामिद अंसारी के बयान पर क्या बोले फडणवीस?: फडणवीस ने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के बयान (कोरोना संकट से पहले ही भारतीय समाज दो महामारियों- धार्मिक कट्टरता और आक्रामक राष्ट्रवाद का शिकार हो गया था) पर शनिवार को कहा कि हिंदुत्व का मतलब सहिष्णुता है। एक सवाल पर फडणवीस ने कहा, ‘‘हिंदुत्व कभी भी कट्टर (विचारधारा) नहीं रहा है। यह हमेशा सहिष्णु रहा है। हिंदुत्व इस देश में जीवन जीने का प्राचीन तरीका है। हिंदुओं ने कभी किसी पर या किसी भी देश या किसी राज्य पर हमला नहीं किया।”
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि हिंदू धर्म ने हमेशा सहिष्णुता सिखाई है और इस वजह से भारत में विभिन्न पंथों और जातियों के लोग शांति से रहते आए हैं। कोरोना वायरस महामारी के बीच महाराष्ट्र के कुछ शहरों में 9 वीं से 12वीं कक्षाओं के लिए स्कूलों को फिर से खोले जाने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में विपक्ष के नेता ने गंभीरता से विचार करने का आह्वान किया। (भाषा इनपुट्स के साथ)