केंद्र सरकार दावा कर रही है 500 और 1000 हजार रुपए के नोट बंद होने के फैसले के बारे में केवल चुनिंदा लोगों को ही पता था। लेकिन नोट बंद होने के बारे में कानपुर के एक पत्रकार ने पीएम मोदी की घोषणा से 13 दिन पहले ही खबर दे दी थी। खबर दैनिक जागरण के पत्रकार बृजेश दुबे ने दी थी। पीएम मोदी की घोषणा के बाद अब दुबे के पास बधाई के फोन आ रहे हैं। दूबे की यह खबर 27 अक्टूबर को अखबार में प्रकाशित हुई थी। रिपोर्ट में दुबे ने लिखा था कि बड़े नोट बंद किए जाने के बदले में 2000 रुपए के नोट जारी किए जाएंगे। अखबार में बिजनेस बीट देखने वाले दुबे ने आईएएनएस से बात करते हुए पत्रकारिता के सिद्धांतों का हवाले देते हुए अपनी खबर के सूत्रों के बारे में बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि इस खबर को रूटीन के तौर पर देखा गया था। इस खबर की तरफ मेरे साथियों का भी ध्यान नहीं गया। पाठकों को भी पीएम मोदी के 8 नवंबर के ऐलान तक यह खबर याद नहीं रही।
वीडियो में देखें- 500, 1000 के नोट बदलवाने हैं? लोगों के पास आ रहीं ऐसी फ्रॉड काल्स
कानपुर में 20 अक्टूबर को नए गवर्नर उर्जित पटेल के नेतृत्व में आरबीआई की बोर्ड मीटिंग हुई थी। अखबार में सूत्रों ने बताया कि दुबे को इसी बोर्ड मीटिंग से कुछ जानकारी मिली थी। दुबे अब काफी खुश हैं। दुबे का कहना है कि यह सामान्य है, लेकिन मेरी खबर की पुष्टि पीएम मोदी ने घोषणा करके की।
विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नजदीकी लोगों को इस फैसले के बारे में पता था। है। सीपीआई-एम ने शुक्रवार को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर सरकार के फैसले की गोपनीयता के साथ समझौता करने का आरोप लगाया है। दावा किया गया है कि भाजपा की पश्चिम बंगाल यूनिट ने बड़ी रकम घोषणा के दिन सेविंग अकाउंट में जमा कराई थी। सीपीआई-एम के राज्य सचिव सूरज कांत मिश्रा ने कहा, ‘पीएम मोदी की आठ नवंबर की घोषणा से कुछ घंटों पहले एक करोड़ रुपए एक सेविंग बैंक अकाउंट में जमा कराए गए थे। यह अकाउंट भाजपा की पश्चिम बंगाल यूनिट का है। इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा को पता था कि बड़े नोटों पर बैन लगने जा रहा है।’
वीडियो में देखें-500, 1000 रुपए के नोट बदलवाने बैंक गए लोगों ने क्या कहा, जानिए
हालांकि, भाजपा ने इससे इनकार किया है कि उन्हें नोटबंदी के फैसले के बारे में पता था। शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि पार्टी को नोटबंदी के फैसले के बारे में कुछ भी पता नहीं था। उन्होंने कहा कि यह सूचना केवल संवैधानिक और प्रशानिक अधिकारियों के पास ही थी।