केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को यह दावा कर विवाद खड़ा कर दिया कि जेएनयू में पिछले दिनों संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में कार्यक्रम को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का समर्थन था। इस बीच यह भी सवाल पूछा जा रहा है कि क्या गृह मंत्री ने एक फेक अकाउंट से किए गए ट्वीट के आधार पर यह दावा किया है या फिर उनके पास कोई और पुख्ता जानकारी है।
आपको बता दें कि 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड और लश्कर ए तैयबा सरगना हाफिज सईद के नाम से बने अकाउंट के बाद दिल्ली पुलिस को अलर्ट जारी करना पड़ा। @HafeezSaeedJUD अकाउंट से लिखे गए ट्वीट में लोगों से अपील की गई कि वे जेएनयू विवाद पर पाकिस्तान समर्थकों की हौसला अफजाई करें और #PakStandsWithJNU व # Support JNU को टि्वटर पर ट्रेंड कराएं। इस ट्वीट के बाद @HafeezSaeedJUD डिएक्टिवेट कर दिया। इस बीच खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली पुलिस को चेताया है कि राष्ट्रविरोधी तत्व जेएनयू विवाद की आड़ में शांति भंग कर सकते हैं।
ALERT!@MumbaiPolice @KolkataPolice @hydcitypolice @CPBlr @CPMumbaiPolice @TelanganaDGP @BlrCityPolice @ANI_news pic.twitter.com/DIFWKrGZME
— Delhi Police (@DelhiPolice) February 12, 2016
दूसरी ओर राजनाथ के बयान के तुरंत बाद विपक्षी पार्टियों ने मांग की कि गृह मंत्री जेएनयू परिसर में हुए कार्यक्रम को लेकर किए गए अपने दावे को साबित करने के लिए सबूत दें। वहीं, सोशल मीडिया ने भी उन्हें निशाने पर लिया। टि्वटर पर #RajnathGoofsUp टॉप पर ट्रेंड करने लगा। दरअसल, यह अंदाजा लगाया गया कि राजनाथ का बयान उस ट्वीट पर आधारित था, जो कथित तौर पर हाफिज सईद के अकाउंट से किया गया था। हालांकि, बाद में यह कहा गया कि यह अकाउंट सईद का नहीं था। विवाद बढ़ने के बाद गृह मंत्रालय ने सफाई दी कि राजनाथ का बयान कई सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर था। बता दें कि रविवार को मीडिया से बातचीत में राजनाथ ने कहा था, ‘देश को इस सच्चाई को स्वीकार करना होगा कि जेएनयू में जो घटना हुई, वह हाफिज समर्थित है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
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