विभिन्न राजनीतिक दलों ने सोमवार (16 मई, 2022) को राहुल गांधी के आइडियोलॉजी वाले दावे पर नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेस को आईना दिखाया कि वर्तमान में वह कितनी कमजोर हालत में है। झारखंड़ में कांग्रेस के सहयोगी दल झामुमो और राष्ट्रीय जनता दल ने राहुल गांधी पर हमला बोला है।
राहुल गांधी ने पार्टी के चिंतन शिविर में दावा किया था कि क्षेत्रीय राजनीतिक दलों में विचारधारा की कमी है, जिस वजह से वे बीजेपी को नहीं हरा सकतीं।
इस पर झामुमो ने कहा, “यह राहुल गांधी का आत्म-मूल्यांकन है और वह अपनी राय के हकदार हैं, लेकिन उन्हें विचारधारा पर टिप्पणी करने का अधिकार किसने दिया? हम बिना किसी विचारधारा के पार्टी कैसे चला सकते हैं?”
झारखंड में झामुमो और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, “सच यह है कि क्षेत्रीय दल ही हैं जिन पर कांग्रेस चुनाव लड़ने या जीत के लिए निर्भर है, चाहे वह झारखंड में झामुमो हो या बिहार में राजद।”
कांग्रेस के दूसरे सहयोगी राजद ने भी राहुल के बयान को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया। राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि अगर राहुल गांधी को चुनावी नतीजों की जानकारी होती तो उन्हें ऐसे क्षेत्रीय संगठनों द्वारा लाई गई वैचारिक और चुनावी प्रतिबद्धता का एहसास होता, और वे राजनीतिक दलों की क्षमता को लेकर ऐसी बात नहीं करते।
झा ने राजद प्रमुख तेजस्वी यादव की सलाह को भी दोहराते हुए कहा, “220-225 सीटें हैं जहां भाजपा और कांग्रेस का सीधा सामना है। कांग्रेस को अन्य जगहों को क्षेत्रीय दलों के लिए छोड़ देना चाहिए और खुद यहां एक सह-यात्री की तरह चुनाव लड़े।
गौरतलब है कि चिंतन शिविर में कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “भाजपा कांग्रेस के बारे में बात करेगी, कांग्रेस नेताओं के बारे में बात करेगी, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बारे में बात करेगी, लेकिन क्षेत्रीय दलों के बारे में बात नहीं करेगी, क्योंकि वे जानते हैं कि क्षेत्रीय दलों का अपना स्थान है, लेकिन वे बीजेपी को हरा नहीं सकते, क्योंकि उनकी (क्षेत्रीय राजनीतिक दल) कोई विचारधारा नहीं है।”