IRCTC Special Trains: कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के बीच बिहार सरकार ने कहा है कि अगले कुछ दिनों में करीब 800 ट्रेनों के जरिए बीस लाख प्रवासी मजदूरों को प्रदेश में वापस लाया जाएगा। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए अब रोजाना 100 विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी। रेलवे और राज्य सरकार के बीच बनी सहमति से और 20 लाख मजदूरों को लाने के लिए 800 से ज्यादा ट्रेनें चलाई जाएंगी। राज्य के भीतर 11 रेलगाड़ियां चल रही हैं।
कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन की शुरुआत से बिहार में आठ लाख से ज्यादा प्रवासी मजूदर अब तक अपने प्रदेश वापस लौट चुके हैं। हालांकि सरकारी अधिकारियों का कहना है कि उनके पास इतनी बड़ी संख्या में टेस्टिंग या क्वारंटाइन की प्रर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। वहीं इससे पहल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में प्रवासी मजदूरों की यात्रा को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद के बाद रेलवे ने कहा कि ऐसी ट्रेनों के परिचालन के लिए गंतव्य राज्यों की सहमति की जरूरत नहीं है।
केंद्र सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए इन ट्रेनों को चलाने के वास्ते रेलवे के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जिसमें कहा गया कि गृह मंत्रालय से चर्चा के बाद रेल मंत्रालय श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए मंजूरी देगा। एसओपी जारी होने के कुछ घंटे बाद रेलवे के प्रवक्ता राजेश दत्त बाजपेई ने कहा, ‘श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए उन राज्यों की सहमति की आवश्यकता नहीं है जहां यात्रा समाप्त होनी है।’
इसके अतिरिक्त रेलवे ने लोगों खासतौर पर देश के छोटे कस्बों और शहरों में रहने वालों को बड़ी राहत देते हुए एक जून से रोजाना 200 स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है। इन रेलगाड़ियों में गैर वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी के डिब्बे होंगे और ये रोजाना चलेंगी। स्पेशल ट्रेनें किन मार्गों पर चलेंगी अभी इसे अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। हालांकि संभावना है कि ट्रेनें सूरत, अहमदाबाद, दिल्ली और हैदराबाद जैसे बड़े प्रवासी आबादी वाले शहरों के अलावा उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों के बीच चलेंगी।
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बता दें कि एक मई को जब स्पेशल श्रमिक ट्रेनें चलाने की शुरुआत हुई तब दिशा-निर्देशों में कहा गया रेलवे अनुरोधों के आधार पर ट्रेनों का संचालन करेगा इसमें जिन राज्यों में ट्रेन पहुंचेगी वहां की मंजूरी भी शामिल है। इसकी एक प्रति ट्रेन के प्रस्थान करने से पहले रेलवे को भेजनी होगी। इस बीच कोई स्टॉप नहीं होगी। मगर नए एसओपी ने इसे बदल दिया गया है। इसमें कहा गया कि नए एसओपी के बाद उस राज्य की सहमति लेना अब आवश्यक नहीं है जहां ट्रेन का समापन होना है।