IRCTC Indian railways: यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते में भारतीय रेलवे ट्रेन सीट को लेकर बड़ा बदलाव करने जा रहा है। नए बदलाव के तहत रेल यात्रियों को ट्रेनों में सीट आसानी से मिल जाएंगी। दरअसल रेलवे पहली बार टिकट के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल करने जा रहा है। इससे प्लेटफॉर्म पर टिकट लेने और ट्रेन पकड़ने में यात्रियों को खासी आसानी होगी। दरअसल रेल मंत्रालय का मानना है कि टिकटों में इस तरह के बदलाव को लेकर कालाबाजी पर रोक लगाने में खासी कामयाबी मिलेगी। यहां क्लिक करके रेलवे से जुड़ी हर जानकारी अपने मोबाइल पर पा सकते हैं।

खास बात है कि यह पायलट प्रोजेक्ट वेस्टर्न रेलवे डिवीजन के मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन और बांद्रा टर्मिनल पर पहले ही शुरू कर दिया गया है। इसके लिए दोनों स्टेशन्स पर 2-2 बायोमेट्रिक मशीन लगाई गई हैं। नए सिस्टम को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया कैसी हैं, लोग इसको कितना पसंद कर रहे हैं। रेलवे ने इसका आकलन भी करना शुरू कर दिया है। अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो देश के अन्य रेलवे स्टेशनों पर भी टिकट के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम को लागू किया जाएगा।

ऐसे काम करेगा बायोमेट्रिक-
जनरल डिब्बों के लिए टिकट खरीद रहे यात्रियों को बायोमेट्रिक मशीन पर अपना फिंगरप्रिंट देना होगा, जिसके बाद एक टोकन जेनरेट होगा। यह टोकन नंबर हर जनरल क्लास के कोच सीटों के नंबर के क्रम में अलॉट किए जाएंगे। प्रक्रिया पूरी होने के बाद यात्रियों को अपने टोकन नंबर के क्रम में एक लाइन में खड़ा होना होगा। एक आरपीएफ का स्टाफ एंट्री पॉइंट पर खड़ा होगा। स्टाफ टोकन का सीरियल नंबर चेक करेगा और यात्री को उसी ऑर्डर में कोच में आने देगा।

वर्तमान में इन ट्रेनों के जनरल कोच में यह सिस्टम काम कर रहा है-
> कर्णावती एक्सप्रेस (मुंबई सेंट्रल स्टेशन)
> गोल्डेन टेंपल मेल (मुंबई सेंट्रल स्टेशन)
> पश्चिम एक्सप्रेस (बांद्रा टर्मिनस)
> अमरावती एक्सप्रेस (बांद्रा टर्मिनस)
> अमरावती एक्सप्रेस (मुंबई सेंट्रल स्टेशन)
> जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (मुंबई सेंट्रल स्टेशन)
> अवध एक्सप्रेस (बांद्रा टर्मिनस)
> महाराष्ट्र संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (बांद्रा टर्मिनस)
> गुजरात मेल (मुंबई सेंट्रल स्टेशन)