INX Media Scam Case में आरोपी, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत के तहत दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहेंगे, जबकि मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में हफ्ते भर पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनसे 90 घंटे से अधिक तक पूछताछ की थी। जांच अधिकारियों ने उस दौरान उनसे लगभग 450 सवाल किए थे, जिनके पूर्व मंत्री ने जवाब भी दिए। सूत्रों के मुताबिक, ये प्रश्न फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) क्लियरेंस से जुड़े थे।
बहरहाल, ताजा मामले में स्पेशल जज अजय कुमार कुहाड़ ने कहा, “आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोप पाए गए, जिसके बाद उन्हें पुलिस हिरासत में भेजा गया था। जांच जारी है। सीबीआई को शक था कि चूंकि पूर्व वित्त मंत्री ओहदा काफी बड़ा है, इसलिए आरोपी जांच में बाधा डाल सकता है। यह ऐसा मामला नहीं है, जिसमें आरोपी को रिमांड के एक्सटेंशन पर विचार के चरण में ‘रिहा’ किया जा सके जैसा कि अभियुक्त के अधिवक्ता ने प्रस्तुत किया है।”
उन्होंने आगे कहा- मामले के सभी तथ्यों और परिस्थितियों, अपराध की प्रकृति, जांच स्थिति पर विचार करने के बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है।” हालांकि, चिदंबरम को जेल के भीतर अतिरिक्त सुरक्षा, अलग बैरक, वेस्टर्न टॉयलेट, ऐनक, दवाइयां, टेलीविजन और कुछ किताबों की सुविधा मिलेगी। रोचक बात है कि उन्हें तिहाड़ की जेल संख्या-7 के उसी सेल में रखा गया है, जहां पर पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते बेटे कार्ति चिदंबरम को रखा गया था।
कोर्ट ने चिदंबरम की याचिका पर ईडी को भी नोटिस जारी किया, जिसमें एजेंसी की ओर से दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेसी नेता ने सरेंडर करने की मांग की थी। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के 20 अगस्त के फैसले को चुनौती देने वाली चिदंबरम की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्हें अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया गया था। सीबीआई की दो दिन की हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद गुरुवार को चिदंबरम को दिल्ली के कोर्ट में पेश किया गया था।
‘विपक्षियों को चुन-चुन कर बनाया जा रहा निशाना’: चिदंबरम को 14 दिनों के लिए तिहाड़ जेल भेजे जाने के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं को चुनिंदा ढंग से निशाना बनाया जा रहा है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी स्वीकार किया कि चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका उच्चतम न्यायालय से खारिज होना एक झटका है, हालांकि उन्होंने कहा कि अब पूर्व वित्त मंत्री को जमानत मिलने की पूरी संभावना है।