INX Media Case: आईएनएक्स मीडिया स्कैम केस को लेकर दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद आरोपी कांग्रेसी नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने बुधवार को ट्रंप कार्ड फेंका है। दरअसल, उन्होंने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करवा कर कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (सीआरपीसी) के सेक्शन 482 को अपना हथियार बनाया है। सीबीआई द्वारा दाखिल किए गए केस में उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका दी है और इसी मामले में अपनी न्यायिक हिरासत को लेकर दिए गए आदेश को भी चुनौती दी है।

‘सीएनएन न्यूज 18’ के लीगल एडिटर ने ट्वीट कर इस बारे में बताया, “चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनकी ओर से यह सामान्य बेल की याचिका नहीं है, बल्कि उन्होंने सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अपने खिलाफ हुई पूरी प्रक्रिया/कार्रवाई खारिज करने के लिए कहा है।” ट्वीट के साथ उन्होंने यह पत्र भी साझा किया हैः

CRPC का सेक्शन 482 क्या है?: सीआरपीसी की धारा 482, हाईकोर्ट की निहित शक्तियों पर बात करती है। धारा में कहा गया है कि हाईकोर्ट की निहित शक्तियों को इस संहिता के किसी प्रावधान से सीमित नहीं किया जा सकता है। यह ऐसी अंतःनिहित शक्तियां हैं, जो इस संहिता के अंतर्गत किसी भी आदेश को प्रभावी करने के लिए या किसी भी कोर्ट की प्रक्रिया का दुरुपयोग रोकने के लिए या फिर सुरक्षित करने के लिए या फिर न्याय पाने के लिए जरूरी हैं।

सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता परीक्षित शर्मा के मुताबिक, “सीआरपीसी की धारा 482, हाईकोर्ट की समाहित शक्तियों की बात करती है। इसका सबसे अधिक इस्तेमाल एफआईआर क्वैश करने के लिए होता है। लोग इसके जरिए हाईकोर्ट में जाकर गलत और गढ़े गए मुकदमे/एफआईआर खत्म करा सकते हैं। 482 में इसी चीज के लिए प्रावधान दिया गया है।”

‘क्या केंद्र के पास देश को निराशा से बाहर निकालने की योजना है?’: अर्थव्यवस्था के हाल पर चिदंबरम ने फिर चिंता जताई है। उन्होंने बुधवार को सवाल उठाया कि क्या देश को निराशा के इस दौर से बाहर निकालने की कोई योजना मोदी सरकार के पास है? जेल में बंद कांग्रेसी नेता की तरफ से उनके परिजन ने चिदंबरम के ट्विटर हैंडल से यह ट्वीट किया। लिखा गया, “मदद के लिए सभी का शुक्रिया। मैं न्याय और अन्याय के बीच फर्क करने की गरीब लोगों की क्षमता से हैरान हो गया हूं। बीते कुछ दिनों में उनसे मिलने और बात करने का मौका मिला।”

आगे लिखा गया, ”मुझे अर्थव्यवस्था की बहुत चिंता है। गरीब लोग सबसे बुरी तरह प्रभावित हैं। कम आय, कम नौकरियां, कम व्यापार और कम निवेश से गरीब और मध्यम वर्ग प्रभावित होता है। इस मुश्किल और निराशा से देश को बाहर निकलने की सरकार के पास क्या क्या योजना है?”