लालू प्रसाद जब पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे तो उनकी पार्टी को भारतीय जनता पार्टी का भी समर्थन प्राप्त था। हालांकि बाद के दिनों में लालू प्रसाद और बीजेपी के बीच कभी भी गठबंधन देखने को नहीं मिले। 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले रवीश कुमार ने एक इंटरव्यू में लालू प्रसाद से पूछा कि इटावा में आपकी मुलाकात हुई थी मोदी जी से कोई दवाब बना था क्या? उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर अगर दबाव बनाता है तो मैं सरक कर निकल जाता हूं।
लालू प्रसाद ने कहा कि एक बात मैं इमानदारी के साथ कह सकता हूं कि नरेंद्र मोदी ने मेरे ऊपर कोई दबाव नहीं बनाया था। एक सवाल के जवाब में लालू प्रसाद ने कहा कि कुछ युवा मतदाता ‘अच्छे दिन’ के झांसे में आकर बीजेपी को वोट दिए है लेकिन आने वाले समय में ऐसी हालत नहीं रहेगी। लालू प्रसाद ने कहा था कि अगर 2014 के लोकसभा चुनाव में भी राजद और जदयू मिलकर चुनाव लड़े होते तो परिणाम कुछ अलग होता।
लालू प्रसाद ने कहा था कि नीतीश कुमार और मैं एक ही राजनीतिक परिवार से निकले हैं। हम इधर राजद बना लिए वो लोग जदयू बना लिया। नीतीश कुमार और लालू प्रसाद कोई नया राजनीतिक चेहरा नहीं है। हम लोग पहले भी साथ में राजनीति करते रहे थे।
रवीश कुमार के साथ इंटरव्यू में लालू प्रसाद ने कहा था कि मुझे ये सौभाग्य मिला कि कर्पूरी ठाकुर ने मेरे गोद में अंतिम सांस ली थी।साथ ही उन्होंने कहा था कि बिहार विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाने में नीतीश कुमार का योगदान था।
गौरतलब है कि शनिवार को रांची की एक अदालत ने लालू प्रसाद को चारा घोटाले के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत दे दी है।इसके साथ ही लालू प्रसाद 40 महीने बाद जेल से बाहर आ जाएंगे। फिलहाल वो अस्वस्थ हैं और दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा है।