Gautam Adani Entrepreneurial Journey Story: देश के शीर्ष उद्योगपति (Top Industrialist) और दुनिया के तीसरे सबसे धनी कारोबारी (Wealthy Businessman) गौतम अडानी ने कहा है कि वह उनका पूरा कारोबार पेशेवर (Professional) और सक्षम सीईओ (Competent CEO) के द्वारा चलाया जाता है। मेरी भूमिका रणनीति बनाने (Strategy Formulate), पूंजी उपलब्ध (Capital Allocation) कराने और काम की समीक्षा (Work Review) करने तक ही सीमित रहती है। मैं उनके रोज के कार्यों में कोई दखल नहीं देता हूं। इन्हीं सब वजहों से इतना बड़ा काम सफल हो पाता है। कहा कि “इस दौरान मैं नए कारोबारों का पता लगाने और उसमें आगे बढ़ने पर अपना ध्यान लगा पाता हूं।”

रैंकिंग और संख्या को Media Hype बताया

भारत के सबसे अमीर आदमी गौतम अडानी (Gautam Adani) का मानना है कि वह पहली पीढ़ी के उद्यमी (First-Generation Entrepreneur) हैं जिन्हें सब कुछ मेहनत से बनाना था और रैंकिंग और संख्या (Ranking And Number) मायने नहीं रखती। रैंकिंग को उन्होंने ‘मीडिया हाइप (Media Hype)’ करार दिया।

अडानी ने कहा, “चुनौतियों से निपटने में रोमांच मिलता है”

इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “मुझे चुनौतियों से निपटने में रोमांच मिलता है और वे जितनी बड़ी होती हैं, मैं उतना ही खुश होता हूं। मेरे लिए लोगों के जीवन में बदलाव लाने, विकास और राष्ट्र के निर्माण में योगदान करने का अवसर और क्षमता किसी वेल्थ रैंकिंग (Wealth Ranking) या किसी अन्य वैल्यूएशन लिस्ट (Valuation List) में होने की तुलना में कहीं अधिक संतोषजनक और महत्वपूर्ण है।”

जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि उनके इतने बड़े साम्राज्य (Empire) के पीछे क्या पीएम मोदी (PM Modi) का हाथ है, तो उन्होंने कहा कि ऐसे आरोपों के लिए वे आसान शिकार हैं, क्योंकि वे दोनों लोग गुजरात के रहने वाले हैं। उन्होंने ऐसे आरोपों को भी “बेबुनियाद” बताया।

बोले- राजीव गांधी की Exim Policy से कारोबार शुरू करने में मिली मदद

अपनी उद्यमिता यात्रा (Entrepreneurial Journey) के बारे में बात करते हुए उन्होंने इसकी सफलता का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) को दिया। कहा, “जब मैं अपनी यात्रा को देखता हूं, तो मैं इसे चार चरणों (Four Phases) में विभाजित कर सकता हूं। कई लोगों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि यह सब राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान शुरू हुआ जब उन्होंने एक्ज़िम नीति (Exim Policy) को उदार (Liberal) बनाया और कई वस्तुओं को खुली सूची (Open List) में लाया गया। इसने मेरे एक्सपोर्ट हाउस (Export House) को शुरू करने में मदद की। राजीव गांधी के बिना एक उद्यमी के रूप में मेरी यात्रा कभी शुरू नहीं हो पाती।”