प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ताजा अमेरिकी दौरे के बीच खबर आई है कि भारत अमेरिका को मोस्ट वांटेड आतंकियों की एक सूची सौंपेगा। इस लिस्ट में लश्कर सरगना हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी, दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन, नावेद जैसे सभी नाम शामिल है, ये वही आतंकी है जिन्होंने भारत को एक नहीं बल्कि कई बार हानि पहुंचाई है और हजारों लोगों की जान ली हैं।
सूत्रों के अनुसार, भारत मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट अमेरिका को देगा और इन्हें पकड़ने के लिए अमेरिका से समझौता किया जाएगा। बताया ये भी जा रहा है कि भारत इन्हें पकड़ने के लिए एफबीआई से भी मदद मांग सकता है।
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार को आयरलैंड की एक दिवसीय यात्रा के बाद अमेरिका दौरे पर जाएंगे, जहां पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पहले से ही मौजूद हैं। इन सब के बीच भारत अमेरिका के साथ मुंबई हमलों के गुनहगारों का नाम साझा करने वाला है।
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बीच बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती है और दोनों देश इसके खिलाफ मिलकर मिलकर लड़ेंगे।
वहीं, भारत टेररिस्ट स्क्रीनिंग सेंटर का हिस्सा भी बनेगा। भारत जिन मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट अमेरिका को सौंपने वाला है, उनमें कई आतंकियों के नाम शामिल हैं। इसमें कई अन्य हमलों को अंजाम देने वाले आतंकियों के नाम भी शामिल हैं।
लिस्ट में शामिल आतंकियों के नाम इस प्रकार हैं- हाफिज सईद, जकी उर रहमान लखवी, दाऊद इब्राहिम, युसूफ मुजामिल (जम्मू-कश्मीर में लश्कर के कई आतंकी वारदातों में शामिल), राशिद अब्दुल्लाह उर्फ रहमान राशीद अब्दुल्ला उर्फ रेहान, मेजर सैयद मोहम्मद अब्दुर रहमान हाशमी (पूर्व आईएसआई अधिकारी), मेजर समीर अली, आमिर रजा खान, रियाज भटकल (भारत के कई आतंकी हमलों में शामिल), टाइगर मेमन, अनीस इब्राहिम, पाकिस्तान में छुपे बैठे कुद सिख दहशतगर्द आदि शामिल हैं।
मालूम हो कि अलकायदा, लश्कर-ए-तोएबा और डी कंपनी जैसे संगठनों से पैदा खतरे को पहचानते हुए भारत और अमेरिका ने बुधवार को आतंकवाद से लड़ने में गहरे सहयोग पर सहमति जताई और पाकिस्तान से वर्ष 2008 के मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा।
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पहले भारत अमेरिका रणनीतिक एवं व्यावसायिक वार्ता की सहअध्यक्षता की। जॉन कैरी और सुषमा स्वराज के बीच बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती है और दोनों देश इसके खिलाफ मिलकर मिलकर लड़ेंगे।
उधर, सुषमा और केरी के बीच वार्ता की समाप्ति पर दक्षिण एशिया क्षेत्र में आतंक के सुरक्षित पनाहगाहों से संचालित आतंकी संगठनों से पैदा खतरे को स्वीकारते हुए आतंकवाद से लड़ने पर संयुक्त बयान जारी किया गया। भारत और अमेरिका ने आतंकी संगठनों से पैदा निरंतर खतरे और इस्लामिक स्टेट से नये वैश्विक खतरे के उभरने को देखते हुए आतंकवाद निरोधक सहयोग का फैसला किया।