आशीष आर्यन, आंचल मैगजीन, प्रणव मुकुल

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया है। इस लॉकडाउन का असर अब नकदी प्रवाह पर दिखने लगा है। भारत में मौजूद ज़्यादातर कंपनियों ने आने वाले समय में इसके इंपेक्ट को लेकर अपने कर्मचारियों को मेल भेजना शुरू कर दिया है। द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कुछ कर्मचारियों ने बताया कि एक कैब एग्रीगेटर ने पिछले दिसंबर में लगभग 500 कर्मचारियों को काम से निकाल दिया था। अब वह आने वाले अगले तीन महीनों में मार्च तक इतने ही कर्मियों को फिर से नौकरी से निकाल सकते हैं।

एक फूड डिलीवरी स्टार्टअप ने भी अपने कुछ कर्मचारियों को एक मेल भेजा है जिसमें उन्होने बताया है कि उनके वेतन में अप्रैल के महीने में 20 से 50 प्रतिशत तक कटौती हो सकती है। कंपनी ने वर्तमान परिस्थितियों का हवाला दिया है जहां लॉकडाउन के चलते नकदी प्रवाह और तरलता सीमित है।

हालांकि, कंपनी ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि वह निकट भविष्य में किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकालेगी। स्टार्टअप ने अपने मेल में कहा है कि सिर्फ मार्च और अप्रैल में वेतन के भुगतान को लेकर यह कॉल लिया गया है।

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चार सबसे बड़ी अकाउंटिंग फर्मों में से दो ने अपने कर्मचारियों को COVID -19 से कैश पर पड़े प्रभाव के बारे में बताया है। जिनमें से एक ने वेतन कटौती की संभावना का सुझाव दिया है।

मुंबई की एक अकाउंटिंग फर्म ने 1 अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष के लिए हायरिंग फ्रीज कर दी है। इसके साथ-साथ सभी कर्मचारियों की बढ़ोतरी और बोनस को कम करने का फैसला किया है। कंपनी के भागीदारों और कार्यकारी निदेशकों की 25 प्रतिशत वेतन कटौती का भी सुझाव दिया गया है।

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