लॉकडाउन के दौरान बिहार की एक गोशाला में 17 गायों ने भूख से दम तोड़ दिया है। गोशाला सचिव का आरोप है कि गाय को लेकर राजनीति करने वाले राजनेताओं ने कोई मदद नहीं की। जहानाबाद में 106 साल पुरानी श्रीकृष्ण गोशाला के सचिव प्रकाश कुमार मिश्रा ने कहा कि जनता के दान से यह चलती है, लेकिन लॉकडाउन के कारण लोगों से दान नहीं मिल पाया। इस कारण गायों को दिए जाने वाले चारा कम पड़ गया और भूख से गायों की मौत हो गई।

उन्होंने कहा, ‘गोशाला एक अर्ध-सरकारी संस्थान है। एसडीओ (उप-मंडलीय अधिकारी) इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं। पशुपालन विभाग इसे चारा देने वाला था। मैंने एनडीए शासित इस राज्य के अधिकारियों और राजनेताओं से कई बार अपील की। इसके बावजूद उनके कानों पर जूं नहीं रेंगी।’

हालांकि, जहानाबाद की एसडीओ निवेदिता कुमारी ने किसी भी गाय के भूख से मरने की बात से इंकार किया है। उन्होंने इसके पीछे गाय की उम्र और कमजोरी को कारण बताया। एसडीओ ने राज्य के गोशाला में चारे की आपूर्ति करने की जिम्मेदारी के सवाल को भी दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘सरकार गोशाला में चारे की आपूर्ति के लिए अलग से कोई फंड नहीं देती है। उन्हें अपने लिए खुद प्रबंध करना सीखना होगा।’

प्रकाश मिश्रा से फोन पर हुई बातचीत के हवाले से ‘द टेलीग्राफ’ ने लिखा, ‘हमारे पास इस साल की शुरुआत में लगभग 100 गायें थीं। मार्च के मध्य तक 3 गाय की मौत हुई थी। लॉकडाउन के कारण हमने 17 गायें खो दीं, क्योंकि उनके लिए पर्याप्त चारा नहीं मिला। लॉकडाउन के कारण चारा मिलना मुश्किल और महंगा हो गया था। दान भी नहीं मिल रहा था। ज्यादातर मौतें अप्रैल में हुईं।’

प्रकाश मिश्रा ने गोरक्षा के मुद्दे पर केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की। प्रकाश मिश्रा ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पशुपालन मंत्री, भाजपा नेता प्रेम कुमार, जिलाधिकारी और अन्य अफसरों को रजिस्टर्ड पोस्ट (पंजीकृत डाक) के जरिए मदद की अपील की, लेकिन किसी की ओर से कोई सहायता नहीं मिली।

उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग गाय पर राजनीति करते हैं, लेकिन उनकी देखभाल करने के मामले में चुप हो जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे शर्म आती है कि गाय की रक्षा को लेकर कोई भी चिंतित नहीं है।’ खास यह है कि प्रकाश मिश्रा खुद भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि लॉकडाउन के कारण मेरे पत्र माननीय लोगों तक नहीं पहुंचे हों, लेकिन कम से कम जिलाधिकारी नवीन कुमार को मेरा पत्र मिला था।’ उन्होंने कहा, ‘नवीन कुमार के दफ्तर से किसी ने फोन किया था। उन्होंने एसडीओ और अन्य अधिकारियों से मिलने के लिए कहा था, लेकिन उनसे मिलने के बाद भी समस्या का हल नहीं निकला।’

प्रकाश मिश्रा ने कहा कि टेकरी राज्य के पूर्व महाराजा ने ब्रिटिश शासन के दौरान गोशाला की स्थापना की थी। यह एक रजिस्टर्ड संस्थान है। स्वतंत्रता के बाद से बिहार सरकार से इसे अनुदान मिलता है।