Delhi Chunav 2025: दिल्ली विधानसभा चु्नाव का बिगुल बज चुका है। अब आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने एक बड़ा दांव चल दिया है। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से जाट समुदाय को ओबीसी की लिस्ट में शामिल करने का आग्रह किया है। ताकि शिक्षा और नौकरियों में रिजर्वेशन की सुविधा मिल सके। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र पर पिछले 10 सालों से जाटों को धोखा देने का भी आरोप लगाया।
अरविंद केजरीवाल ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इसमें उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के जाट समुदाय को पिछले 10 सालों से प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी द्वारा धोखा दिया गया है। दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्र सरकार के किसी भी कॉलेज, यूनिवर्सिटी या संस्थान में रिजर्वेशन नहीं मिलता है। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को केवल चुनाव से पहले दिल्ली के जाटों की याद आती है।’
आप प्रमुख ने अपने पत्र में कहा, ‘जाट समाज के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया कि आपने 26 मार्च 2015 को दिल्ली के जाट समाज के प्रतिनिधियों को अपने घर बुलाकर ये वादा किया था कि जाट समाज, जो दिल्ली की ओबीसी लिस्ट में है, उसे केंद्र की ओबीसी लिस्ट में भी जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें दिल्ली में मौजूद केंद्र सरकार के कॉलेजों और नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके।’
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अपने पत्र में केजरीवाल ने क्या कहा
अरविंद केजरीवाल ने पत्र में कहा, ‘फिर 8 फरवरी 2017 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूपी चुनाव से पहले चौधरी बीरेंद्र सिंह के घर पर दिल्ली और देश के जाट नेताओं की मीटिंग बुलाई और उनसे वादा किया कि स्टेट लिस्ट में जो ओबीसी जातियां हैं उनको केंद्र की लिस्ट में जोड़ा जाएगा। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में फिर बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के आवास पर अमित शाह जाट नेताओं से मिले और उन्होंने फिर वादा किया कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा लेकिन चुनाव के बाद इस पर कोई काम नहीं हुआ।’
दिल्ली के जाट समाज को नहीं मिल रहा रिजर्वेशन का फायदा- अरविंद केजरीवाल
अपने पत्र में उन्होंने कहा, ‘मुझे पता चला कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में होने की वजह से राजस्थान से आने वाले जाट समाज के युवाओं को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन दूसरी तरफ दिल्ली के ही जाट समाज को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि आपकी सरकार ने दिल्ली में जाट समाज को ओबीसी आरक्षण होने के बावजूद उन्हें केंद्रीय ओबीसी लिस्ट में शामिल नहीं किया है।’ 4.8 लाख का मिनी बार, जिम के सामान पर 18 लाख खर्च… पढ़ें पूरी खबर