संसद में चुनाव सुधार और चुनाव आयोग (ईसी) के मुद्दे पर बुधवार (तीन जुलाई, 2019) को पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल और मौजूदा कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के बीच जुबानी भिड़ंत हो गई। एक ने कहा कि ईसी 2019 के आम चुनावों के दौरान सो रहा था, जबकि दूजे ने जवाब में इसे विपक्ष का डबल स्टैंडर्ड (दोहरा चरित्र) करार दिया।
हुआ यूं कि बुधवार (तीन जुलाई, 2019) को राज्यसभा में चुनावी सुधार पर चर्चा हो रही थी। तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओब्रायन ने संसद के उच्च सदन में चुनावी सुधार के साथ चर्चा की शुरुआत की और आगे ‘एक देश, एक चुनाव’ का मुद्दा भी उठाया। बोले, “हमारी ओर से चीजों का हल यही होना चाहिए कि हम किसी चीज में जल्दबाजी न दिखाएं।” उन्होंने इसके अलावा हाल की चुनावी व्यवस्था की बात की, जिसमें डेटा और ईवीएम के गलत इस्तेमाल का मसला शामिल था।
इसी पर कांग्रेस के नेता और यूपीए काल में पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने ईसी की मार्च में जारी की गई एक एडवाइजरी का हवाला दिया, जिसमें चुनाव के दौरान सेना का राजनीतिकरण न करने के लिए कहा गया था। सिब्बल ने बताया कि आखिर कैसे तब भारतीय सैनिकों के नाम पर वोट बंटोरे (बीजेपी द्वारा) गए थे। उन्होंने आगे कहा था, “चुनाव के दौरान ईसी सो रहा था।”
पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में कानून मंत्री प्रसाद ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) विवाद पर विपक्ष के दोहरे चरित्र का जिक्र किया। कांग्रेस पर जुबानी हमले में उन्होंने कहा, “जब मनमोहन सिंह ईवीएम के जरिए जीते थे, तब किसी ने इस प्रक्रिया पर प्रश्न नहीं खड़े किए। अगर पार्टियां अपने घोषणा-पत्र में राष्ट्रद्रोह कानून को खत्म करने की बात शामिल करेंगी, तब लोगों के पास भी अधिकार होगा कि कौन इस देश की रक्षा करेगा।”