भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि सांस्कृति लिहाज से भारत और चीन के लोग करीबी हैं।

उन्होंने लिखा, “वीएचएस के एक सहकर्मी ने मुझे चीनी फिल्म का एक वीडियो भेजा, जिसका नाम है शुआन जांग (Xuan Zhang)। भारतीय जिसे ह्वेन त्सांग (Hiuen Tsang) के तौर पर जानते हैं। वह महान महायान बौद्ध विद्वान था, जो दस्तावेज इकट्ठा करने भारत आए थे। सियासत और सैन्य क्षेत्र में जहां हमें मामले निपटाने हैं, वहीं संस्कृति में भारतीय और चीनी करीबी हैं।”

स्वामी के इस ट्वीट पर फैंस, फॉलोअर्स और अन्य यूजर्स भी प्रतिक्रियाएं देने लगे। @shriparv ने पूछा, “वह सांस्कृतिक समानताएं सैन्य और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता पर हावी क्यों नहीं हो जातीं सर?” @PSarbabidya के हैंडल से कहा गया, हमें ऐसे नेताओं की जरूरत है, जो कि चीनी लोगों को समझें और दोनों मुल्कों के बीच विवादों को सुलझा सकें।

@Piyushmody999 ने लिखा, “हम सहमत हो सकते हैं, पर 10 सदियों में से नौ में। चीन को अक्साई चिन हवाले कर देना चाहिए।” @purushabhat बोले- क्या ह्वेन त्सांग ने कभी शी को पूछा कि क्या उन्होंने कोरोना दुनिया में क्यों फैलाया? चीनियों का केवल बहुत ही छोटा सा हिस्सा (फीसदी में) हमारी संस्कृति के नजदीक है और बड़े स्तर पर भारतीय और चीनी ‘मनी कल्चर’ के मामले में काफी करीब हैं।

@Raju19780427 नाम के अकाउंट से कहा गया, “हां, सांस्कृतिक तौर पर भारतीय और चीनी करीबी हैं लेकिन सियासी तौर पर वे तिरछे कोने पर हैं।” @skm503 बोले- सर, क्या आप यह बात चीनियों को बता सकते हैं? यह साफ है कि चीन दुनिया को किसी भी कीमत पर दबाकर रखना चाहता है। उन्होंने भारत से ज्ञान लिया, पश्चिमी देशों से तकनीक चुराई और अब वह वायरस मैन्युफैक्चर कर रहे हैं, जो कि विश्व का संहार कर सकता है।