आजतक के शो में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि राफेल डील को लेकर तत्कालिन रक्षा मंत्री को भी जानकारी नहीं थी। दौरे से पहले कहा गया था कि डील नहीं की जाएगी। लेकिन डील फाइनल प्रधानमंत्री ने कर दी। जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी की खुद की विश्वसनीयता नहीं है।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मैं दो-चार बात रखना चाहती हूं। जब राफेल की पहली बार डिमांड सामने आयी थी तो भारतीय वायुसेना ने कहा था कि उन्हें 126 एयरक्राफ्ट की जरूरत है। जिसके बाद जो करार हो रहा था उसके अनुसार 18 बनी बनायी लेने वाले थे और 108 भारत में एचएएल के द्वारा निर्माण किया जाना था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने तत्कालिन रक्षा मंत्री को भी नहीं बताया कि फ्रांस जा कर यह करार होने वाला है। प्रधानमंत्री के जाने के 10 दिन पहले विदेश सचिव ने मीडिया से कहा था कि राफेल पर बात नहीं होगी। लेकिन फिर भी राफेल की डील हुई।
126 की जगह हम 36 खरीदते हैं। 570 करोड़ प्रति हवाई जहाज के बदले हम 1670 करोड़ रुपये देते हैं। अब सबसे बड़ी बात यह है कि एचएएल को क्यों हटाया गया? 126 को घटाकर 36 क्यों किया गया? दाम को क्यों बढ़ाया गया? इस मुद्दे पर मेरी बस इतनी मांग है कि इसमें पारदर्शिता चाहिए।
जवाब देते हुए गौरव भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी की खुद की विश्वसनीयता क्या है? सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोलने के लिए उन्होंने माफी मांगी। फ्रांस के तत्कालिन राष्ट्रपति को लेकर राहुल गांधी ने झूठा बयान दिया। राहुल गांधी और सोनिया गांधी पापी हैं, इन्होंने देश को लूटा है। दोनों ही भष्टाचार के मामले में जमानत पर हैं।
मनोहर पारिकर जी का जब स्वास्थ्य ठीक नहीं था तब राहुल गांधी वहां पहुंचे और कहा कि मनोहर पारिकर ने मुझे कहा है ये सब बात। बाद में पारिकर जी ने पत्र लिखकर कहा कि राहुल गांधी इस मामले पर झूठ बोल रहे हैं। इन्होंने तो राफेल के मुद्दे पर मुझसे बात ही नहीं की।