Rahul Gandhi Speech: लोकसभा में मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमलों पर बहस जारी रही। इस दौरान सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कई बड़ी बातें कहीं। राहुल गांधी ने राजनैतिक काम करते हुए हम पूरे देश में जाते हैं। लोगो से मिलते हैं दुख में सुख में। जब भी मैं सेना के किसी शख्स के घर जाता हूं जैसे ही हाथ मिलाता हूं तो पता लग जाता है कि हिंदुस्तान की फौज में है। इसको कहीं भी भेज दो ये देश के लिए लड़ने-मरने के लिए तैयार हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि हम पहलगाम हमले के बाद नरवाल साहब के घर गए, उनका पुत्र नेवी में था। यूपी में भी पीड़ित परिवार से मिलने गए. कश्मीर में भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की। हम राजनीतिक काम से लोगों से मिलते रहते हैं। जब हाथ मिलाते हो तब पता चल जाता है कि ये टाइगर है। टाइगर को आजादी देनी पड़ती है। सेना को पूरी आजादी देनी होती है। राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। सेना के उपयोग के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है।
‘विपक्ष सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ा रहा’
राहुल गांधी ने कहा कि पहलगाम में हुआ हमला क्रूर और निर्दयी था, जो पूरी तरह पाक प्रायोजित था। राहुल गांधी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने भारत की सेना और चुनी हुई सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ा रहने की प्रतिबद्धता जताई थी। हमें गर्व है कि एक विपक्ष के तौर पर हम उस तरह एकजुट रहे जैसा हमें होना चाहिए था।
‘1971 में भारत की इच्छाशक्ति थी’
कांग्रेस नेता ने कहा कि राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की तुलना 1971 के युद्ध से की, लेकिन दोनों में बहुत अंतर है। 1971 में भारत में राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। इंदिरा गांधी ने सैम मानेकशॉ को पूरी आज़ादी दी थी, यहां तक कि जब अमेरिकी जहाज़ भी घुस आए थे।
‘ट्रंप ने 29 बार कहा- हमने सीजफायर करवाया’
राहुल गांधी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान कहा कि ट्रम्प ने 29 बार कहा है कि हमने सीजफायर करवाया। अगर दम है तो प्रधानमंत्री यहां सदन में यह बोल दें कि वह झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हमने रात 1.35 बजे पर पाकिस्तान को यह बताया कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है। यह एस्केलेटरी नहीं थी। अब कोई एस्केलेशन नहीं होना चाहिए। गांधी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी में इंदिरा गांधी जितनी आधी भी हिम्मत है तो उन्हें संसद में आकर साफ-साफ कहना चाहिए कि हमने कोई विमान नहीं खोया और युद्धविराम ट्रंप ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि पूरे अभ्यास का लक्ष्य प्रधानमंत्री की छवि को बचाना था।
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राहुल ने कहा कि मैं कहता हूं आपने 35 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया। यह बता दिया कि आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है। सरकार ने पायलट्स के हाथ-पांव बांध दिए। राहुल ने कहा कि अगर पीएम में इंदिरा गांधी की तरह 50 प्रतिशत भी दम है तो कहें कि ट्रम्प ने भारत-पाकिस्तान में सीजफायर नहीं कराया। ऑपरेशन सिंदूर में भारत के एक भी फाइटर जेट नहीं गिरा है।
‘सीडीएस जनरल चौहान ने कोई गलती नहीं की’
कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं सीडीएस जनरल चौहान से कहना चाहता हूं, आपने कोई गलती नहीं की। यह राजनीतिक नेतृत्व ही था जिसने सेना के हाथ बांध रखे थे। राहुल ने कहा कि वायुसेना ने कहा कि उसने विमान इसलिए खो दिए क्योंकि राजनीतिक नेतृत्व ने सैन्य ठिकानों पर प्रतिबंध लगा दिए थे। आपने लड़ाई के बीच में ही उनके हाथ बांध दिए।
राहुल गांधी ने कहा कि विदेश मंत्री कहते हैं कि पाकिस्तान सरेंडर करने के लिए मजबूर हुआ, लेकिन पाकिस्तान के सेना प्रमुख ट्रंप के साथ लंच करते हैं। राहुल गांधी ने सरकार का मजाक उड़ाते हुए कहा कि जीत की घोषणा हो चुकी है लेकिन ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है।
भारत की सबसे बड़ी चुनौती चीन और पाकिस्तान को अलग रखना था- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत की विदेश नीति की सबसे बड़ी चुनौती चीन और पाकिस्तान को अलग रखना था। मैंने इसके बारे में पहले ही चेतावनी दे दी थी, लेकिन इस सरकार ने उन्हें एक साथ ला दिया। राहुल गांधी ने जयशंकर की चीन संबंधी टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि वह कहते हैं कि हम चीन से नहीं लड़ेंगे क्योंकि वह बड़ी अर्थव्यवस्था है, यह कोई रणनीति नहीं है, यह डर की बात है। वहीं, पीएम मोदी ने विदेश नीति को लेकर बड़ा बयान दिया। पढ़ें…पूरी खबर।