Kolkata Rape-Murder Case: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राज्य में हर जगह हिंसा है। बंगाल में कई चीजें सड़ चुकी हैं। बोस ने यहां तक कह दिया कि ऐसी स्थिति में वो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कोई भी सार्वजनिक मंच साझा नहीं करेंगे। राज्यपाल सीबी आनंद बोस ने यह बयान गुरुवार को दिया।

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्तव्य में विफल रही है। वो लोगों और समाज की भावनाओं को नहीं समझ पाई। बोस ने कहा कि वो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सामाजिक बहिष्कार करेंगे। जिन्हें उन्होंने बंगाल की लेडी मैकबेथ भी कहा। उन्होंने कहा कि बंगाल राज्य में कई चीजें सड़ चुकी हैं।

एक बयान में बोस ने कहा कि वह कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हैं, जहां 9 अगस्त को एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या कर दी गई थी। बोस ने कहा कि
राज्य में हिंसा है, घर में हिंसा है, कैंपस में हिंसा है, अस्पताल में हिंसा है, शहर में हिंसा है… लोकतंत्र में बहुमत का चुप रहना ही इसका हिस्सा है, बहुमत के लिए चुप्पी नहीं। याद रखें, चुप्पी हिंसा है… बंगाल के समाज के साथ एकजुटता दिखाते हुए मैं मुख्यमंत्री का सामाजिक बहिष्कार करूंगा। मैं मुख्यमंत्री के साथ कोई सार्वजनिक मंच साझा नहीं करूंगा। न ही मैं किसी ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लूंगा जिसमें मुख्यमंत्री शामिल हों।

सीवी. आनंद बोस ने कहा कि वे संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए मुख्यमंत्री के खिलाफ सक्रिय कदम उठाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे संविधान के अनुच्छेद 167 के तहत मुख्यमंत्री को अनुपालन के लिए निर्देश जारी कर रहे हैं। अनुच्छेद 167 में कहा गया है कि राज्य के मामलों के प्रशासन और कानून के प्रस्तावों से संबंधित मंत्रिपरिषद के सभी निर्णयों को राज्यपाल को बताना मुख्यमंत्री का कर्तव्य होगा।

बोस ने कहा, “मुझे लोगों की ओर से कई सवालों का सामना करना पड़ रहा है कि राज्यपाल वर्तमान स्थिति में क्या कदम उठाने का प्रस्ताव दे रहे हैं… मैं भारत के संविधान के प्रति प्रतिबद्ध हूं। मैं बंगाल के लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हूं। मैं आरजी कर पीड़ित के माता-पिता और विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हूं। मेरे आकलन में, सरकार लोगों और समाज की भावनाओं को समझने के अपने कर्तव्य में विफल रही है।”

राज्यपाल ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ है कि सर्वोच्च अधिकारी…कोलकाता पुलिस कमिश्नर, जिनसे कोलकाता में अपराध रोकने की अपेक्षा की जाती है। उनके खिलाफ आपराधिक प्रकृति के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। राज्यपाल के अनुसार, आयुक्त ने जिस तरह से मामले को संभाला वह अत्यधिक संदिग्ध था।

बोस ने कहा, “कोलकाता पुलिस आयुक्त को राजभवन में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान आमंत्रित नहीं किया गया था, लेकिन उन्होंने जबरन समारोह में प्रवेश किया, जो कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, आपराधिक प्रकृति का है। इस कथित मिलीभगत के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग थी। यह बात मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी लाई गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब पुलिस आयुक्त के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जरूरत है, क्योंकि कानून इसकी मांग करता है… भारतीय न्याय संहिता की धारा 329 के तहत दंडनीय है।”

(स्वीटी कुमारी की रिपोर्ट)