AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इंडिया टुडे के कार्यक्रम में कहा कि वे भारतीय लोकतंत्र की लैला हैं और सभी उनके मजनू हैं। ओवैसी ने कहा, ‘जहां भी हमारी पार्टी चुनाव लड़ती है आरोप लगाया जाता है कि इनसे डील हो गई है। अरे भाई कितनों से डील करेंगे। हमें लड़ना होगा चुनाव तो हम बिहार के सीमांचल में भी लड़ेंगे और बंगाल में भी लड़ेंगे।’

बिहार विधानसभा चुनाव में कामयाबी हासिल करने के बाद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के हौसले बुलंद हैं और वे अपनी पार्टी का विस्तार पूरे देशभर में करना चाहते हैं। हाल ही में एआईएमआईएम ने गुजरात में निकाय चुनाव लड़े थे और उसे 17 सीटें मिली थी। अब ओवैसी तमिलनाडु और बंगाल चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी लगातार असदुद्दीन ओवैसी पर भी हमलावर रही हैं। ममता बनर्जी ने एक रैली में आरोप लगाया कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी बीजेपी से पैसे लेती हैं।

बता दें कि पहले उम्मीद की जा रही थी कि ओवैसी अब्बास सिद्दीकी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे लेकिन उन्होंने कांग्रेस और लेफ्ट के साथ गठबंधन कर लिया है। हालांकि असदुद्दीन ओवैसी ने अभी तक असम और केरल के चुनावों से दूरी बनाई हुई है जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है।


बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरण से गठबंधन किया है। अब इसके बाद तमिलनाडु में भी विधानसभा चुनाव दिलचस्प हो गए हैं क्योंकि यह गठबंधन चुनाव को गहरे तौर पर प्रभावित कर सकता है।

बता दे कि दिनाकरण ने अन्नाद्रमुक से निकाले जाने के बाद एमएमके का गठन किया था। भ्रष्टाचार के मामले में नाम सामने के आने के बाद शशिकला को भी पार्टी से निकाल दिया गया था। दिनाकरण ने फिल्मों से राजनीति में आए कमल हसन की पार्टी से भी गठबंधन किया है।

वहीं चुनाव में डीएमके ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और एमएमके से गठबंधन किया है। मालूम हो कि 5 साल पहले भी एआईएमआईएम ने विधानसभा चुनाव लड़े थे तब पार्टी को 10,000 वोट मिले थे।