हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) के 25 छात्रों और दो संकाय सदस्यों को कुलपति अप्पा राव पोडिले के आवास में तोड़फोड़ करने और पुलिसकर्मियों पर पथराव करने की घटनाओं के सिलसिले में बुधवार (23 मार्च) को गिरफ्तार कर लिया गया। गचीबोअली पुलिस निरीक्षक जे रमेश के मुताबिक सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, अनाधिकार प्रवेश करने, सरकारी अधिकारियों को अपना कर्तव्य निभाने से रोकने और मंगलवार (22 मार्च) की घटना के सिलसिले में आईपीसी की अन्य संबद्ध धाराओं के तहत अब तक दो मामले दर्ज किए गए हैं।

रमेश ने बताया, ‘‘दोनों घटनाओं के सिलसिले में 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 25 छात्र और दो संकाय सदस्य शामिल हैं।’’ उन्होंने बताया कि सभी आरोपियों को जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा।

गौरतलब है कि छात्रों ने मंगलवार (22 मार्च) को एचसीयू कुलपति अप्पा राव पोडिले के आधिकारिक आवास में तोड़फोड़ की और पुलिस को छात्रों के एक समूह पर उस वक्त लाठीचार्ज करना पड़ा जब वे लोग उनके ढाई महीने के अवकाश के बाद पदभार फिर से संभालने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। रोहित वेमुला के 17 जनवरी को आत्महत्या करने के मद्देनजर पोडिले अवकाश पर चले गए थे।

इस बीच, एनएसयूआई अध्यक्ष रोजी एम जॉन ने एक बयान में आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी छात्रों को पुलिस अज्ञात स्थानों पर ले गई और उनका पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांगे पूरी होने तक हमारी लड़ाई नहीं रुकेगी। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और कुलपति प्रो. अप्पा राव को रोहित की मौत को लेकर सजा मिलनी चाहिए। हम प्रो. अप्पा राव की फौरन गिरफ्तारी की मांग करते हैं जिनके खिलाफ एससी-एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज है। रोहित अधिनियम लागू होने तक हम प्रदर्शन जारी रखेंगे।’’

गैर शिक्षण कर्मचारियों की हड़ताल के चलते एचसीयू में भोजन कक्ष के बंद होने के चलते छात्रों को खुले क्षेत्र में खाना पकाना पड़ा। एनएसयूआई नेता ने कहा, ‘‘पेयजल, भोजन से वंचित कर, इंटरनेट कनेक्शन काट कर और मीडिया को बाहर रख कर सरकार कैम्पस में गंदी राजनीति कर रही है। सरकार का यह बर्ताव इसके अमानवीय, हिंसक और फासीवादी चेहरे को दिखा रहा।’’

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