PM Modi Muslim World Outreach: केंद्र की बीजेपी सरकार घरेलू स्तर पर धुर्वीकरण की राजनीति के आरोपों से जूझ रही है। विपक्ष के तमाम राजनीतिक दल बीजेपी पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगाते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन सब रास्तों से अलग हटकर यह कोशिश करते हैं कि इस्लामी दुनिया (मुस्लिम देश) उनके पक्ष में दिखे। आखिर, उनकी यह कोशिश काफी हद तक सफल भी रही है।
अभी हाल ही में अरब जगत से अपनी निकटता दर्शाने में पीएम मोदी की उत्सुकता हाल ही में तब दिखी थी, जब उन्होंने गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट (वीजीजीएस) में संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की मेजबानी की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल यूएई के राष्ट्रपति का हवाई अड्डे पर पहुंचने पर स्वागत किया, बल्कि 9 जनवरी को अहमदाबाद में उनके साथ एक रोड शो भी किया। बता दें, वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट (वीजीजीएस) में यूएई के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि थे।
अब, आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी 14 फरवरी को अबूधाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर के उद्घाटन के लिए संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर जा रहे हैं।
इससे एक दिन पहले पीएम मोदी अबूधाबी के शेख जायद स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करेंगे जिसमें करीब 50,000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। ‘हैलो मोदी’ नाम के इस कार्यक्रम को विदेशों में भारतीय प्रधान मंत्री के लिए सबसे बड़ा सामुदायिक स्वागत के रूप में पेश किया गया है। एक अनुमान के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात में 3.5 मिलियन की सबसे बड़ी भारतीय प्रवासी आबादी रहती है।
34 साल बाद मोदी के रूप में देश का कोई पीएम अरब गया
2015 में अपने पहले कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के एक साल बाद मोदी 34 वर्षों के अंतराल के बाद संयुक्त अरब अमीरात का दौरा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। आगामी यात्रा प्रमुख खाड़ी देश की उनकी सातवीं यात्रा होगी।
प्रधानमंत्री के रूप में अपने अब तक के दो कार्यकाल के दौरान मोदी दो बार सऊदी अरब का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने 2019 में बहरीन, 2018 में ओमान, जॉर्डन और फिलिस्तीन और 2016 में कतर का दौरा किया। मोदी ने 2015 में संयुक्त अरब अमीरात में शेख जायद ग्रैंड मस्जिद और 2018 में ओमान में सुल्तान कबूस ग्रैंड मस्जिद का दौरा किया था। उन्हें सर्वोच्च पुरस्कार भी मिला। जिनमेंं सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन का नागरिक पुरस्कार शामिल है।
वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि बड़े इस्लामिक जगत तक पहुंच बनाकर पीएम मोदी ने विपक्ष के सभी आरोपों को बेअसर कर दिया है। जिनमें पीएम खासतौर पर कहता है कि पीएम मोदी के कार्यकाल के दौरान देश में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया गया है।
बीजेपी ने नुपूर शर्मा और नवीन जिंदल को कर दिया था निलंबित
एक वाक्या जून 2022 में घटित हुआ था। जब भाजपा ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा और दिल्ली के प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल को पैगंबर के खिलाफ कथित टिप्पणियों के लिए निलंबित कर दिया था। खाड़ी देशों द्वारा अपना विरोध दर्ज कराने के लिए भारतीय राजदूतों को अपने देश में बुलाने के बाद यह त्वरित कार्रवाई की गई थी।
भारत के खाड़ी देशों के साथ मजबूत संबंध रहे हैं, जो भारतीय प्रवासियों के अलावा तेल, गैस और व्यापार के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि भाजपा ने अपने प्रवक्ताओं पर त्वरित कार्रवाई पीएम मोदी के निर्देश के बाद की थी। जिसने अरब देशों के मुस्लिम नेताओं एक पॉजिटिव संदेश दिया।
यहां यह भी बताना जरूरी है कि यहूदी राज्य इजरायल को छोड़कर, खाड़ी क्षेत्र के दस अन्य देश – सऊदी अरब, कतर, ईरान, इराक, बहरीन, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, जॉर्डन और यमन। एक साथ दुनिया की मुस्लिम आबादी का पांचवां हिस्सा हैं, और इस्लामी दुनिया की सबसे मजबूत आवाज़ों में से एक हैं।
प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद मोदी ने इन देशों के साथ भारत के जुड़ाव और संबंधों के स्तर को ऊपर उठाने में व्यक्तिगत रूप से रुचि ली है। कई विदेश नीति विशेषज्ञों ने इन संबंधों में नए जोश का श्रेय मोदी द्वारा इसमें निवेश की गई “ऊर्जा और प्रतिबद्धता” को दिया है।
भाजपा के विदेश मामलों के विभाग के प्रभारी विजय चौथवाले ने कहा, “इन क्षेत्रों के शासकों और पीएम मोदी के बीच व्यक्तिगत तालमेल ने इन देशों के साथ मजबूत संबंध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” उन्होंने कहा कि विशाल भारतीय प्रवासी इस साझेदारी की एक और रीढ़ हैं। विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात के मामले में बढ़ा हुआ व्यापार, आईआईटी-दिल्ली परिसर का उद्घाटन और अब अबू धाबी में हिंदू मंदिर ने दिखाया है कि दोनों देशों के बीच ‘विश्वास का भंडार’ है। वहीं कुछ भाजपा नेता यह भी बताते हैं कि “अरब दुनिया के साथ भारत के मजबूत संबंध घरेलू स्तर पर धर्मनिरपेक्ष लॉबी द्वारा की गई आलोचना के जवाब के रूप में कार्य करते हैं”।
कनाडा पर भारत बिफरा, लेकिन कतर पर कानूनी सलाह की बात कही
उदाहरण के तौर पर देखें तो कनाडा की धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या को लेकर भारत-कनाडा विवाद के कारण कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भाजपा नेताओं ने तीखी आलोचना की थी, लेकिन कतर ने आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई थी। जिस पर बीजेपी ने कोई टिप्पणी नहीं की थी। भाजपा ने सिर्फ इतना कहा था कि भारत उनके लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगा। दिसंबर में कतर की एक कोर्ट ने उन सभी की मौत की सजा को कारावास में बदल दिया था।
इस संबध में भाजपा के एक नेता ने कहा कि मामले पूरी तरह से अलग हैं, लेकिन इसे (कतर मामले) लेकर जनता में कोई कड़वाहट नहीं आई। मामले को राजनीतिक स्तर पर भी सावधानी से संभाला गया।’
