Mahakumbh Mela 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सोमवार से शुरू हुए महाकुंभ में देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालु हर दिन संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। यह धार्मिक आयोजन 45 दिनों तक चलेगा। इस धार्मिक आयोजन के सफल आयोजन के लिए यूपी की योगी सरकार ने एड़ी-चोटी तक का जोर लगा दिया है। हालांकि, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार इस आयोजन के माध्यम से ‘सामाजिक समता’ का संदेश देने के लिए भी कर रही है।
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने अनुसूचित जातियों (एससी) के साथ-साथ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को लुभाने के लिए यह संदेश तैयार किया है। खासकर निषाद जैसे सबसे पिछड़े समुदाय पर भी सरकार की नजर है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य में एनडीए के कुछ सहयोगी, जैसे कि निषाद पार्टी और अपना दल (सोनीलाल), अब अपने वरिष्ठ सहयोगी से नाराज़गी के संकेत दे रहे हैं।
सीएम आदित्यनाथ ने महाकुंभ को “सामाजिक समता का महापर्व” कहा है। उनकी सरकार ने महाकुंभ को चिह्नित करने के लिए कुछ पोस्टर भी जारी किए हैं, जो इस संदेश से संबंधित हैं। उनमें से एक में प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर में हाल ही में उद्घाटन किए गए निषाद राज पार्क में निषाद राज के साथ भगवान राम की कांस्य प्रतिमा की तस्वीर है। एक अन्य आधिकारिक पोस्टर में प्रयागराज में आयोजित 2019 कुंभ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफाई कर्मचारियों के पैर साफ करते हुए तस्वीर है।
भाजपा के एक नेता ने कहा कि महाकुंभ में सनातन धर्म की संस्कृति का अनुभव करने के लिए सभी जातियां और वर्ग एकजुट होकर संगम (गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती का संगम) में स्नान कर रहे हैं, सामाजिक समता का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है। योगी जी ने पहले ही सभी को एकजुट होने और विभाजित न होने का आह्वान किया था।” उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने श्रृंगवेरपुर में भगवान राम के साथ निषाद राजा की भव्य प्रतिमा स्थापित करके उन्हें सम्मान और महत्व दिया है और इसी बात को उजागर किया जा रहा है। बता दें, निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में मंत्री हैं और उनकी पार्टी निषाद समुदाय पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को यूपी (80 सीटें) में झटका लगा, क्योंकि वह समाजवादी पार्टी (एसपी) की 37 सीटों के मुकाबले सिर्फ़ 33 सीटें ही जीत पाई। भाजपा की इस हार का कारण राज्य में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा के नेतृत्व वाले विपक्षी दल में दलितों और ओबीसी के वर्गों का ट्रांसफर माना जा रहा है।
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि दलितों और निषादों को लुभाने की पार्टी की कोशिश अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में 5 फरवरी को होने वाले महत्वपूर्ण उपचुनाव के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण होगी, जहां दलितों और ब्राह्मणों के अलावा निषादों की भी महत्वपूर्ण उपस्थिति है।
मंगलवार को आदित्यनाथ ने कहा कि मकर संक्रांति के अवसर पर पहले अमृत स्नान या शाही स्नान के दिन लगभग 3.5 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई और महाकुंभ को “आस्था, समता और एकता का महासमागम” बताया। सूत्रों ने बताया कि आदित्यनाथ सरकार ने 2019 कुंभ में किए गए अपने प्रयोग को और आगे बढ़ाते हुए महाकुंभ में काम करने वाले 15,000 से अधिक सफाई कर्मचारियों के लिए प्राथमिक विद्यालय शुरू करने की पहल की है।
पिछले साल 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ करने के लिए प्रयागराज का दौरा किया था। उस दौरान उन्होंने इस आयोजन को ‘एकता का महायज्ञ’ कहा था। उन्होंने तब प्रयागराज को ‘निषाद राज की भूमि’ कहा था। निषाद राज पार्क का उद्घाटन करते हुए, मोदी ने भगवान राम और निषाद राज की ‘दिव्य मित्रता’ पर प्रकाश डाला था। साथ ही कहा था कि उनकी नई प्रतिमा ‘भविष्य की पीढ़ियों के लिए समानता और सद्भाव की याद दिलाएगी’।
प्रधानमंत्री ने तब सफाई कर्मचारियों की भी प्रशंसा की थी और याद किया था कि कैसे 2019 के कुंभ के दौरान उन्होंने उनके पैर धोकर उनके प्रति आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा था कि इस कार्य को करते हुए मुझे जो संतुष्टि महसूस हुई, वह मेरे जीवन का एक यादगार और अविस्मरणीय अनुभव है।
यह भी पढ़ें-
Delhi Elections: AAP ने दो विधानसभा सीटों पर बदले प्रत्याशी, इन चेहरों पर लगाया दांव
‘मोहन भागवत ने जो कहा वह देशद्रोह, किसी और देश में उन पर केस…’, RSS चीफ के बयान पर भड़के राहुल गांधी
(इंडियन एक्सप्रेस के लिए मौलश्री सेठ की रिपोर्ट)