गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि कोरोना महामारी के कारण नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने में देरी हुई। टीकाकरण अभियान के बाद इस कानून को जल्द ही लागू किया जाएगा। उन्होंने इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार पर भी हमला बोला। कहा कि इस बार के विधान सभा चुनाव में वहां के लोग बदलाव चाहते हैं और मौजूद जबरन वसूली की प्रथा को भी ख़त्म करना चाहते हैं।

बोलपुर में रोड शो के बाद प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करने के दौरान जब शाह से यह पूछा गया कि सीएए कब लागू किया जाएगा तो उन्होंने कहा “सीएए के नियमों को अभी तक पूर्ण रूप से तैयार नहीं किया गया है। ऐसे काम कोरोना जैसी महामारी के बीच में नहीं किये जा सकते हैं, इसलिए जब देश में टीकाकरण शुरू हो जाएगा और कोरोना की साइकिल भी ठीक हो जाएगी तो इसपर जरूर विचार किया जाएगा। जब भी सीएए लागू किया जाएगा तो आपको सूची भी दे दी जाएगी।”

बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को दिल्ली तलब करने के सवाल पर शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को जो पत्र भेजा है वह पूरी तरह से कानूनी है और संवैधानिक मापदंड के भीतर है। मुख्यमंत्री को इस विषय पर जनता के सामने किसी भी तरह की राय रखने से पहले इससे जुड़े कानून को जरूर देख लेना चाहिए। बता दें कि पिछले दिनों बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफ़िले पर हुए पथराव के बाद सुरक्षा व्यवस्था में तैनात तीन आईपीएस अधिकारियों को दिल्ली तलब किया गया था।

अगले साल होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं, जिसके मद्देनज़र शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बंगाल दौरे पर पहुंचे थे। बंगाल भ्रमण के दौरान अमित शाह ने स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस के परिवारजनों से मुलाकात की और कोलकाता के रामकृष्ण आश्रम पहुँच कर स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि भी दी। इस दौरान शाह के साथ बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और बीजेपी नेता मुकुल रॉय भी मौजूद रहे।