देशभर में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 10 दिनों में ही देश में संक्रमितों का आंकड़ा दोगुना हो चुका है। इस बीच कई राज्य सरकारों ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने छात्रों और मजदूरों को निकाल कर लाने में दिलचस्पी दिखाई है। हालिया मामला राजस्था के कोटा में फंसे छात्रों को लाने का है। इसके लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों ने अपनी बसें भेज दीं। अब केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने राज्यों को चेताया है। एक टीवी इंटव्यू के दौरान गडकरी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को सलाह दी कि प्रवासी मजदूरों को दूसरे राज्यों से न निकाला जाए, क्योंकि इससे कोरोनावायरस प्रभावित लोग एक से दूसरे राज्य में पहुंच सकते हैं।
गडकरी ने कहा, “ज्यादातर जो डेवलप स्टेट हैं, वहां कम डेवलप्ड स्टेट के लोग काम पर आते हैं। लोगों के पैदल ही एक जगह से दूसरी जगह जाने के मामले इसलिए बढ़े हैं, क्योंकि लोग डर गए हैं। जरूरी है कि हम उनके मन में आत्मविश्वास बढ़ाएं। उनका रोजगार उनको दें। खाने और रहने की व्यवस्था कर दें। सुरक्षित रहने की व्यवस्था होगी, खाने-पीने की व्यवस्था होगी, तो मनोस्थिति बदल जाएगी, तो वे वहीं रुकेंगे। मजदूरों के गांव जाने का यह समय ठीक नहीं है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने मांग की थी कि गाड़ियां शुरू कर मजदूरों को वापस भेजा जाए। मुझे लगता है कि अगर यह भीड़ मुंबई से अपने गांव कोरोना लेकर वापस जाएगी, तो दिक्कत हो जाएगी।
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गडकरी ने आगे कहा, “मैंने यूपी के मुख्यमंत्री का भाषण सुना है। मैं उनसे अनुरोध करुंगा कि अभी थोड़ा रुकना पड़ेगा। अगर उनके बीच में कोरोना का संक्रमण हो जाएगा, तो यूपी पर नया संकट पैदा हो सकता है। इसलिए जो मजदूर जहां है उसे वहीं रोजगार देना, सेटल करना अहम करना। इस समय कोरोना फैला है। ऐसे में इस वक्त अगर मजदूर वापस जाएगा, तो उसके साथ कोरोना भी जाएगा। उन्हें ले जाने से पहले वेरिफाई कर लेना चाहिए कि मजदूरों के ऊपर कोई संक्रमण नहीं है। लेकिन अभी स्थिति संवेदनशील है। इसलिए मजदूरों को वे जहां हैं, वहीं खाना और रहने की जगह दी जाए।”
“सरकार के पास रेलवे और बस दोनों सुविधाएं हैं। सरकार बसें भेज सकती है। लेकिन आप समझिए कि एक निजामुद्दीन का कार्यक्रम हुआ, उसका परिणाम हम देश के हर गांव में भुगत रहे हैं। हमारे नागपुर में एक-एक एरिया को लॉकडाउन करना पड़ा है। ये मजदूर अगर राज्य वापस जाएंगे, तो कौन जिम्मेदारी लेगा। मुझे लगता है कि इस पर दुरगामी स्थितियों को सोचकर विचार करना पड़ेगा।”