वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के एक सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने उनकी जमकर खिंचाई की है। चिदंबरम ने शुक्रवार को एक ट्वीट पर घटते कोरोना संक्रमण और बढ़ती मौतों पर आश्चर्य जताया था। उन्होंने एक के बाद एक दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि विशेषज्ञों को यह बताना चाहिए कि जब दैनिक संक्रमणों की संख्या चार लाख से घट कर ढाई लाख के आसपास आ गई है तो मरने वालों की संख्या अब भी रोजाना चार हजार से ऊपर क्यों जा रही है? रोजाना की जांच संख्या भी लगभग 20 लाख है। अगर पॉज़िटिविटी रेट कम है तो मृतक संख्या क्यों ज्यादा आ रही है?
अगली लाइन में वे कयास लगाते हैं कि क्या ऐसा उचित चिकित्सकीय देखभाल, ऑक्सीजन, दवाओं, वेंटीलेटर और बेड आदि की कमी के कारण है? स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने गुस्सा जताते हुए जवाबी ट्वीट में लिखा हैः यह क्या मज़ाक है! राजनैतिक मजबूरियां चिदंबरम जी जैसे आदमी से ऐसे सवाल पुछवा रही हैं। संभवतः कि टूलकिट पार्टी ने आदेश दिया होगा। मैं समझता हूं कि चिदंबरम इतना सामान्य ज्ञान रखते हैं कि कोरोना संक्रमण के बाद स्वस्थ होने या मृत्यु होने के बीच कुछ हफ्तों की दूरी होती है।
स्वास्थ्य मंत्री अपने अगले ट्वीट में भी चिदंबरम पर हमलावर बने रहे। लिखाः व्यर्थ की शंकाएं क्यों पैदा करते हैं? जैसे-जैसे संक्रमित होने वाले रोगियों की संख्या घट रही है, स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़ रही है। मरने वालों की संख्या में कमी भी शीघ्र दिखाई देगी। हर मौत दुखदायी होती है। महामारी से लड़ने में भारत सरकार पूरी कोशिश कर रही है।
दो दिग्गजों की ट्विटरबाज़ी में कुछ समर्थक भी जुट गए हैं। एडवोकेट संदीप मिश्र तो सीधे कह डालते हैं कि चिदंबरम फ्रस्ट्रेटेड यानी कुंठित नेता हैं। कांग्रेस की आलोचना करते हुए बी श्रीनिवास समझाते हुए कहते हैं कि पार्टी के लिए बेहतर होगा कि वह रातों दिन भाजपा सरकार की आलोचना से हटकर यह बताए कि मौजूदा संकट को कैसे हल किया जा सकता है? लेकिन एक समर्थक भी है कांग्रेस के मंदीप चौधरी है। वे तंज करते हैं कि आखिर रामराज में किस-किस का मुंह बंद करोगी सरकार?