उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की के साथ हुई बर्बरता के मामले में विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। एक दिन पहले ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस कूच किया। रास्ते में ही उनकी यूपी पुलिस के साथ धक्का-मुक्की हो गई थी, जिसमें राहुल जमीन पर गिर गए थे। ऐसा ही एक वाकया शुक्रवार को भी हुआ। आज तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस पहुंचे। हालांकि, पुलिस ने उनको रास्ते में ही रोक दिया। इस दौरान हुई धक्का-मुक्की में डेरेक रास्ते में ही गिर भी पड़े। हालांकि, उठने के बाद पुलिस ने फिर उन्हें बलपूर्वक बैरिकेडिंग के बाहर कर दिया।

टीएमसी की ओर से राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन दिल्ली से 200 किलोमीटर की दूरी तय कर हाथरस पहुंचे थे। उनके साथ तृणमूल की सांसद काकोली घोष दस्तीदार, प्रतिमा मंडल और पूर्व सांसद ममता ठाकुर भी मौजूद थीं। जब इन नेताओं ने हाथरस में बैरिकेड पार किया, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस पर एक सांसद ने कहा कि वे शांतिपूर्वक ढंग से हाथरस की तरफ जा रहे हैं, ताकि पीड़िता के परिवार से मिलकर शोक प्रकट कर सकें। एक सांसद ने कहा, “हम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं और हमारे पास कोई हथियार भी नहीं है। फिर आखिर हमें क्यों रोका जा रहा है।”

एक अन्य सांसद ने योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “आखिर यह कैसा जंगलराज है, जहां एक सांसद को एक दुखी परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है।” उन्होंने पुलिस से कहा कि इस समय उनका दल पीड़िता के परिवार से महज 1.5 किलोमीटर दूर हैं और आगे का सफर वे पैदल ही पूरा करेंगे।

हालांकि, पुलिसकर्मियों ने टीएमसी सांसदों की एक नहीं सुनी और उन्हें बैरिकेड के बाहर धकेल दिया। न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस घटना का एक वीडियो भी साझा किया है। इसमें डेरेक को जमीन पर गिरते देखा जा सकता है। इस घटना के बाद टीएमसी नेता ममता ठाकुर ने कहा कि हमने जैसे ही अंदर घुसने की कोशिश की, तो लेडीज पुलिस ने हमारे ब्लाउज पकड़ के रोका, हमारी सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठीचार्ज किया। इस वाकये के बाद डेरेक ओ ब्रायन रास्ते पर ही धरने पर बैठ गए।

टीएमसी की प्रतिमा मंडल ने कहा कि उन्हें हाथरस में रेप की कथित पीड़िता के परिवार से मिलकर शोक प्रकट करने के लिए ममता बनर्जी ने भेजा था। हमने अपनी पहचान भी बताई, लेकिन हमें परिवार से मिलने नहीं दिया गया और पुलिस ने हमारे साथ धक्का-मुक्की की। अगर वे महिला सांसद की इज्जत नहीं कर सकते तो आम लोगों के हालात का अंदाजा लगा लीजिए।