लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के ठीक पहले एक तरफ जहां सभी राजनीतिक दल प्रत्याशियों के सेलेक्शन को लेकर माथापच्ची कर रही है तो दूसरी ओर बीजेपी (BJP) ने एक बड़ा कदम हरियाणा में उठाया है। राज्य में जेजेपी के समर्थन से चल रही मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) की सरकार में बड़ी उथल पुथल देखने को मिली। बीजेपी ने दुष्यंत चौटाला (Dushyant Singh Chautala) की जेजेपी से गठबंधन तोड़ लिया। साथ ही नई सरकार के गठन में खट्टर के करीबी नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) की राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया। अब सवाल यह उठ रहे हैं कि आखिर आम चुनाव के ठीक पहले बीजेपी ने ऐसा क्यों तो बता दें कि बीजेपी ऐसे कई प्रयोग कर चुकी है।
बता दें कि राज्य की सियासत की बात करें तो हरियाणा में बीजेपी के कुल 40 विधायक है और जेजेपी के पास दस थे। 90 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 है। खास बात यह है कि बीजेपी के संपर्क में 6 निर्दलीय विधायक हैं, जिसके चलते यह माना जा रहा है कि बीजेपी आसानी से बहुमत हासिल कर लेगी। वहीं यह भी खबरें हैं कि बीजेपी के संपर्क में जेजेपी के ही कई विधायक भी हैं।
बीजेपी और जेजेपी का अपना अलग ही वोट बैंक है और बीजेपी का लगातार यह प्रयास रहा है कि उसे जाट वोट मिले लेकिन खास बात यह है कि उसे यह भी पता है कि जब जाट वोट का बिखराव उसे ज्यादा पहुंचा सकता है, क्योंकि पिछले कुछ चुनावों में भगवा दल की जीत का एक अहम समीकरण ही जाट वोट बैंक का बिखराव रहा है।
JJP से BJP को दिख रहा था नुकसान?
बीजेपी को यह भी पता है कि जेजेपी से हाथ मिलाने के लोकसभा चुनाव से पहले चलते उससे बड़ा वोट बैंक छिटक सकता है। अगर जेजेपी के साथ बीजेपी चुनाव में उतरती है, तो उसे पता है कि जेजेपी से गठबंधन के बावजूद उसका वोट बीजेपी प्रत्याशियों को ट्रांसफर होना मुश्किल है। दूसरी और कांग्रेस को यही जाट वोट अगर एकतरफा तौर पर मिला तो भगवा दल की मुश्किलें बढ़ सकती है। इसके चलते ही उसने अचानक जेजेपी से अपने रिश्ते खत्म कर लिए हैं।
4 राज्यों में बीजेपी ने पहले बदले थे सीएम
बीजेपी के सियासी स्टाइल को देखें तो पिछले कुछ वर्षों में पार्टी कई राज्यों में अपने मुख्यमंत्रियों को बदल चुकी है। इस लिस्ट में अब हरियाणा भी शामिल हो चुका है। इससे पहले पार्टी ने गुजरात, उत्तराखंड, त्रिपुरा और कर्नाटक में पार्टी अचानक सीएम बदल चुकी है। बीजेपी सीएम बदलने के बाद गुजरात, त्रिपुरा, उत्तराखंड में सीएम बदलने के बाद फायदे में रह चुके हैं लेकिन उसे सबसे बड़ा झटका कर्नाटक में लगा था और पार्टी की करारी हार हुई थी।
गुजरात में खूब बदले मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी के गुजरात से दिल्ली आने के बाद राज्य में सीएम को लेकर लंबे वक्त तक उठापटक रही। पार्टी ने पहले आनंदीबेन पटेल को सीएम बनाया था। इसके बाद विजय रुपाणी को मुख्यमंत्री बना दिया था। रुपाणी के नेतृत्व में पार्टी की 2017 चुनाव के दौरान 99 सीटें आईं थीं, जो कि बीजेपी के लिए खतरे की घंटी थी। इसके बाद 2022 के विधासभा चुनाव से पहले बीजेपी अलाकमान ने गुजरात की पूरी कैबिनेट ही बदल दी थी और रुपाणी को हटाकर भूपेंद्र पटेल को सीएम बनाया था। हालांकि पटेल के सीएम रहते बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में 150 से ज्यादा सीटें जीतकर पार्टी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया गया है।
कर्नाटक में गलत साबित हुआ था फैसला
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से डेढ़ साल पहले बीजेपी ने बीएस येदुरप्पा को कापी मान मनौव्वल के बाद सीएम पद से हटवा दिया था और लिंगायत नेता बसवराज बोम्मई को सीएम बनाया था। सीएम बदलने के बाद सक्सेस रेट के मामले में बीजेपी को झटका इसी राज्य में लगा था क्योंकि कांग्रेस ने 2023 के चुनावी कैंपेन में बोम्मई पर भ्रष्चाटार के कई गंभीर आरोप लगाए थे जिसका फायदा सियासी तौर पर कांग्रेस ने कर्नाटक में चुनाव जीतकर उठाया था।
उत्तराखंड में भी हुए प्रयोग
बीजेपी ने उत्तराखंड में भी सीएम के कई बदलाव किए हैं। 2017 में चुनाव जीतकर आई पार्टी ने त्रिवेंद्र सिंह राव को सीएम पद दिया था लेकिन मार्च 2021 में उनसे यह पद लेकर तीरथ सिंह रावत को दे दिया था। खास बात यह है कि इसी साल जून खत्म होने के बाद एक बार फिर पार्टी ने सीएम फेस बदल दिया था। बीजेपी ने जुलाई 2021 में पुष्कर सिंह धामी को सीएम घोषित कर दिया था। धामी के नेतृत्व में पार्टी चुनाव जीतकर दोबारा सरकार में आई थी, लेकिन रावत खुद अपनी सीट हार गए थे। हालांकि उन्हें उनके काम का इनाम दिया गया था और वे उपचुनाव जीतकर विधानसभा चले गए थे।
त्रिपुरा में हुआ था बदलाव
त्रिपुरा में बीजेपी ने मई 2022 के दौरान अचानक मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव को इस्तीफा दिलवा दिया था और राज्य के नए सीएम 2016 में कांग्रेस से बीजेपी में आए माणिक साहा को सीएम बना दिया था। उनके नेतृत्व में पार्टी ने 2023 में चुनाव जीता था और दोबारा उन्होंने सीएम पद की शपथ ली थी। वे सीएम बन गए थे।
अब इस लिस्ट में हरियाणा का भी नाम शामिल हो गया है अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उसके इस फैसले का लोकसभा चुनाव 2024 में हरियाणा की दस सीटों पर क्या असर पड़ेगा और विधानसभा चुनाव में सीएम बदलने के बाद क्या बीजेपी की वापसी होगी या नहीं।