पिछले साल पारित हुए महिला आरक्षण विधेयक में महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में एक-तिहाई आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था। अधिकतर सियासी दल भी चुनाव में महिलाओं को उनकी संख्या के हिसाब से आरक्षण के हिमायती बनते रहे लेकिन हरियाणा में पांच अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने बामुश्किल 15 फीसद महिलाओं को ही टिकट दिए हैं। इनमें भाजपा ने दस तो कांग्रेस ने 12 महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा है। अन्य दलों के ऐसे आंकड़े भी महिलाओं को उत्साहित करने वाले कतई नहीं। वर्ष 2019 में भी भाजपा ने 12 और कांग्रेस ने नौ महिलाओं को टिकट दिए थे।

पिछले विधानसभा चुनाव में शैली चौधरी, रेणु बाला, कमलेश ढांडा, निर्मल रानी, नैना चौटाला, किरण चौधरी, शकुंतला खटक, गीता भुक्कल और सीमा त्रिखा सहित नौ महिलाएं विधायक निर्वाचित हुई थीं, जो विधानसभा सदस्यों की कुल संख्या का मात्र दस फीसद ही है। इस समय हरियाणा से इकलौती लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा है जबकि भाजपा ने हाल ही में किरण चौधरी को राज्यसभा में भेजा है। सूबे में महिलाओं की आबादी तकरीबन आधी होने के बाबजूद प्रदेश में अब तक कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं बन पाई। इस बार कुछ नामीगिरामी महिला चेहरों में महिला पहलवान विनेश फोगाट के अलावा श्रुति चौधरी और सावित्री जिंदल चुनाव मैदान में हैं। विनेश फोगाट को तो कांग्रेस अपने चुनाव प्रचार के लिए बतौर सितारा प्रचारक उतारने वाली है।

हर पार्टी की नजर महिला वोट पर

महिला सशक्तिकरण का सूरत-ए-हाल ऐसा कि पिछले कई दशकों में हरियाणा से चंद्रावती, सुधा यादव, श्रुति चौधरी, कैलासो सैनी, कुमारी सैलजा और सुनीता दुग्गल ही लोकसभा में पहुंच पाईं हैं। भाजपा की सुषमा स्वराज हरियाणा से ताल्लुक रखती थीं लेकिन वह कभी वहां से सांसद नहीं बन पाईं। हालांकि, अंबाला छावनी से वह दो बार विधायक जरूर बनीं थीं। हरियाणा में करीब 3.07 करोड़ की आबादी में से 1.45 करोड़ महिलाएं हैं और 2.2 करोड़ मतदाताओं में से करीब 95 लाख महिला वोटर हैं। पहली बार (18 -19 आयु वर्ग) वोट डालने वाली महिलाओं की तादाद भी अच्छी खासी है। इस चुनाव में आबादी के अनुपात से इस बार महिला प्रत्याशियों की तादाद काफी कम है। कहा जाता है कि चुनावी माहौल बनाने में युवाओं की बड़ी भूमिका होती है, इसलिए सभी दलों की कोशिश है कि पहली बार वोट डालने वाले युवकों और युवतियों को अपने पाले में लाया जाए।

भाजपा ने इस बार आरती राव, कृष्णा अहलावत, बिमला चौधरी, संतोष सारवान, श्रुति चौधरी, मंजू हुड्डा, रेणू डाबला, सुनीता दुग्गल, कमलेश ढांडा और शक्ति रानी शर्मा को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने शैली चौधरी, रेणू बाला, विनेश फोगाट, शकुंतला खटक, गीता भुक्कल, मंजू चौधरी, पूजा चौधरी, सुमिता विर्क, अनीता यादव, पर्ल चौधरी, पराग शर्मा और मनीषा सांगवान को प्रत्याशी बनाया है।

विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भूमिका को भांपते हुए सभी सियासी दलों ने महिला संगठनों को भी सक्रिय कर दिया है। उन्हें इस बात का अंदाजा है कि महिला कार्यकर्ता जनता को पार्टी की खासियत ज्यादा आसानी से समझा सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और कांग्रेसशासित राज्यों से वहां महिला नेताओं के दल आने वाले समय में चुनाव प्रचार के लिए हरियाणा में, विशेषकर जहां महिला प्रत्याशी खड़ी हैं, पहुंचना भी शुरू हो गर्इं हैं।