चुनाव में अहीरवाल की धरती पूरी तरह तपी हुई है। सरकार विरोधी लहर, जातीय समीकरण, गुटबाजी, बगावत, अंदरूनी कलह और भितरघात से क्षेत्र के चुनाव लड़ने वाले नेताओं पर असर पड़ रहा है। एक-दो जगह पर सहानुभूति लहर भी चलती दिखाई दे रही है। नमो, मनो और राम मंदिर के भावनात्मक मुद्दे गौण हो चुके हैं। कांग्रेस की पुरानी पेंशन योजना, वृद्धावस्था पेंशन छह हजार करने, पांच सौ रुपए का गैस सिलेंडर, पक्की नौकरी के मुद्दे चर्चा में हैं।
महेंद्रगढ़ की चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा ने अहीर नुमाइंदों को प्रत्याशी बनाया है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव अटेली से पहली बार चुनाव मैदान में हैं। वहां से भाजपा ने निवर्तमान विधायक सीताराम को दरकिनार किया है। कांग्रेस ने अटेली विधानसभा सीट पर अपनी पुरानी प्रत्याशी अनीता यादव पर भरोसा जताया है। जजपा की तरफ से आयुषी राव को टिकट दिया गया है। आयुषी राव नरबीर सिंह के भाई कमलवीर सिंह की बेटी हैं और ससुराल कांग्रेस के नेता कप्तान अजय सिंह के यहां है।
बहुजन समाज पार्टी की तरफ से राजपूत बिरादरी से ठाकुर अतरलाल अपने दमखम पर चुनाव मैदान में है। ठाकुर अतरलाल को यहां सहानुभूति की लहर का फायदा मिलता दिख रहा है। अतरलाल यहां से कई बार चुनाव लड़ चुके हैं। इस दफा बसपा और इनैलो के संयुक्त उम्मीदवार हैं। महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी की परंपरागत सीट रही है। भाजपा ने पांच बार के विधायक और मंत्री रहे रामबिलास शर्मा की टिकट काटकर अहीर जाति के पूर्व जिला प्रधान कवर सिंह यादव को टिकट दिया गया है। इस पर भाजपा और शर्मा समर्थकों में नाराजगी है।
नारनौल में बागियों से चुनावी डगर मुश्किल
नारनौल से भाजपा के दो दफा की विधायक रहे ओम प्रकाश यादव व कांग्रेस ने राव नरेंद्र सिंह फिर मैदान में हैं। आप पार्टी के रविंद्र सिंह भी सक्रिय नजर आ रहे हैं। आप ने अगर ज्यादा मजबूती दिखाई तो कांग्रेस प्रत्याशी को नुकसान हो सकता है। भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश यादव राव इंद्रजीत सिंह के करीबी हैं। अभी दो माह पहले ओमप्रकाश के इकलौते पुत्र के निधन से आम मतदाताओं में उनके प्रति सहानुभूति है। हालांकि बागी होकर नामांकन करने और बाद में वापस लेने वाले नेता मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।
राजस्थान की सीमा के साथ लगती हुई नांगल चौधरी विधानसभा में भाजपा ने अभय सिंह यादव को तीसरी दफा टिकट दिया है। अभय सिंह यादव पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खासमखास और राव इंद्रजीत के विरोधी माने जाते हैं। मनोहर के हरियाणा से केंद्र में चले जाने से अभय सिंह की स्थिति इस बार उतनी अच्छी नहीं है। नांगल चौधरी में कांग्रेस ने गुर्जर जाति की महिला मंजू चौधरी पर दाव लगाया है। क्षेत्र का गुर्जर, जाट और अनुसूचित जाति का तबका मंजू चौधरी के लिए मजबूत दीवार बन चुका है। अभय सिंह यादव की चुनावी स्थिति मजबूत करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने नांगल चौधरी में रैली की है। अब देखना होगा कि शाह नांगल चौधरी की धरती पर रैली कर विपरीत हवा को कितना अनुकूल बनाने में कामयाब हो पाते हैं।
जुलाना विनेश की वजह से हो गया फेमस
अखाड़े के मालिक मोहित मलिक ने कहा कि 2024 के पेरिस ओलंपिक में फोगाट के प्रदर्शन के बाद वे माता-पिता प्रेरित हुए होंगे जो अपनी बेटियों को अखाड़ों में भेजने को लेकर संशय में हैं। उन्होंने कहा कि अखाड़ों के लिए धन भी स्थानीय निवासियों या व्यक्तियों से मिलता है और सरकार का समर्थन बहुत सीमित है। हालांकि फोगाट मलिक के निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ रही हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि फोगाट को राज्य के कई पहलवानों और अखाड़ों के प्रशिक्षकों का भी समर्थन है। हमें अपने बीच से ही किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो विधानसभा में हमारी आवाज बन सके।
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इस बीच, फोगाट ने कहा है कि वह नहीं चाहतीं कि जुलाना को सिर्फ उनके कारण जाना जाए। उन्होंने जींद के सिवाहा गांव में जनसभा के दौरान कहा कि लोग कह रहे हैं कि जुलाना अब प्रसिद्ध हो गया है, क्योंकि मैं चुनाव लड़ रही हूं। मैं चाहती हूं कि जुलाना रोजगार और कुश्ती के लिए जाना जाए, न कि विनेश के लिए। चरखी दादरी में जन्मीं फोगाट पेरिस ओलंपिक से लौटने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गयी थीं। उन्हें महिलाओं की 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था।