महागठबंधन के नेताओं पर अपना हमला तेज करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को उन पर आरोप लगाया कि वे आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को ‘‘आश्रय’’ देकर राष्ट्र की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या ऐसे लोगों को राज्य में सरकार बनाने देना चाहिए।
मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर आरक्षण मुद्दे को लेकर हमला बोलते हुए दावा किया कि इनके ‘‘झूठ’’ और विधानसभा चुनाव को जातीय रंग देने के प्रयासों को उन्होंने ‘‘बेनकाब’’ कर दिया।
बिहार में करीब 30 रैलियों को संबोधित कर चुके मोदी ने गठबंधन को यह आरोप लगा कर कई बार घेरा है कि वह दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों का पांच प्रतिशत आरक्षण कथित तौर पर छीन कर उसे एक ‘‘विशेष समुदाय’’ को देना चाहता है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब पुणे एवं मुंबई में विस्फोट हुए तो एक दलित पुलिस अधिकारी आतंकवाद के दरभंगा माड्यूल की जांच कर रहा था। उसके तार सत्ता के बेहद करीबी कुछ नेताओं से जुड़ रहे थे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों को प्रोत्साहन और आशीर्वाद देने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई जबकि सत्य का पता लगाने की कोशिश कर रही निर्भीक महिला पुलिसकर्मी को दरभंगा एवं बिहार छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया?’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या आप चाहते हैं कि पटना में ऐसे लोग शासन करें जो देश की सुरक्षा से खेलते हैं, जो आतंकवादियों को प्रश्रय देते हैं और प्रोत्साहन देते हैं। क्या आप ऐसे लोगों की सरकार चाहते हैं। क्या आप चाहते हैं कि बिहार की इस भूमि में आतंकवाद घुस आये। क्या आप चाहते हैं कि बिहार बम विस्फोटों की भूमि बन जाये।’’
प्रधानमंत्री ने इसके बजाय लोगों से भाजपा नीत राजग सरकार को चुनने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वह जहां विकास के जरिये बिहार के उत्थान की बात करते हैं महागठबंधन के नेता ‘नाटक’ रचते हैं तथा आरक्षण समाप्त करने के ‘मनगढ़ंत डर’ फैलाकर विधानसभा चुनाव को ‘जातीय रंग दे रहे हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘वे आरक्षण को लेकर काल्पनिक भय एवं झूठ फैला रहे हैं और उनके दिल्ली में बैठे दरबारी जोरों से चिल्ला रहे हैं। मैंने उन्हें (लालू एवं नतीश) बेनकाब किया है और वे टिक नहीं पा रहे। उन्होंने संसद में आरक्षण की समीक्षा चाही और 23 एवं 24 जुलाई 2005 को साझा मंच बनाया। वे दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के लिए आरक्षण घटाकर धार्मिक आधार पर इसे एक विशेष समुदाय को देना चाहते थे, ताकि वे सत्ता में बने रहें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनके गुब्बारे की हवा निकाल दी और वे अब खड़े होने और जनता का सामना करने लायक नहीं रह गये हैं, अब जबकि मैंने उनके वीडियो और भाषण जारी कर उन्हें बेनकाब कर दिया है तो उन्होंने पिछले हफ्ते से आरक्षण पर बोलना शुरू कर दिया है और वे भाग रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने लालू-नीतीश पर ‘‘जंगलराज’’ और ‘‘जंतर-मंतर राज’’ को लेकर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘‘जंगलराज’’ और ‘‘जंतर-मंतर राज’’ दोनों मिल गये है तथा ये दोनों बिहार को पूरी तरह तबाह कर देंगे, मैं आपका समर्थन मांगने और राज्य की तकदीर बदलने के लिए यहां आया हूं, महा गठबंधन के नेताओं ने अपने शासन के पिछले कई सालों में बिहार को जिस बड़े खड्ड में डाल दिया है उससे बाहर निकलने के लिए दो इंजनों की जरूरत पड़ेगी। एक दिल्ली में पहले से ही है और अन्य की आपको पटना में भाजपा एवं उसके सहयोगियों के तहत जरूरत पड़ेगी।’’
मोदी ने इस बात पर हैरत जतायी कि गठबंधन के नेता चुनाव के बाद एकजुट कैसे रह सकेंगे जबकि दो माह तक खिंचे चुनाव प्रचार में उन्हें एकजुट नहीं देखा जा सका। मोदी ने सवाल किया, ‘‘क्या आपने इस दो माह लंबे चुनाव प्रचार में नीतीश बाबू, लालूजी और राहुलजी को एक साथ एक मंच पर देखा। यदि वे आपसी विश्वास के कारण एकजुट नहीं हो सकते, वे आपका भी कोई भला नहीं कर पाएंगे।’’
उन्होंने दावा किया कि लालू की आंख विपक्ष के नेता पद पर अपने किसी एक बेटे के लिए लगी हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं लालू से सार्वजनिक रूप से पूछना चाहता हूं…नीतीश बाबू, लालूजी, सोनियाजी कृपया बिहार के लोगों को बताइये कि विपक्ष का नेता कौन होगा। लालू का पुत्र या नीतीश बाबू। बिहार के लोग यह जानना चाहते हैं, उन्हें इस बारे में बताया जाना चाहिए। मैं आपसे इसकी मांग करता हूं।’’
मोदी ने लालू पर आरोप लगाया कि उन्होंने 1990 में राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त आधिकारिक भाषाओं की सूची से मैथिली को हटाकर उत्तरी बिहार के बड़े भागों में बोली जाने वाली इस भाषा का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली राजग सरकार ने आठवी अनूसूची में इसे शामिल कर इसके ‘‘दर्जे एवं गरिमा’’ को बहाल किया।
प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्होंने लालू प्रसाद जैसे भ्रष्टाचार में दोषी ठहराये गये लोगों की संपत्तियों को जब्त करने के अपने वादे को पूरा नहीं किया। भ्रष्ट लोगों को दीमक करार देते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आप जब इस चुनाव में बटन दबाकर अपना वोट डालेंगे तो वह इंजेक्शन की तरह काम करेगा जो भ्रष्टाचार के इस दीमक को खत्म कर देगा।’’
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