19 साल की उम्र में एक अदद नौकरी के लिए वह शख्स मुंबई पहुंचा और वहां मजदूरों की लड़ाई लड़ने लगा। 1960 और 70 के दशक में मजदूर यूनियन के सबसे बड़े नेता की पहचान बन गई। बाद में इसी शख्स ने देश में सबसे बड़ी हड़ताल कर तहलका मचा दिया। बात 1974 की है, जब जॉर्ज फर्नांडिस ऑल इंडिया रेलवे मैन फेडरेशन के अध्यक्ष थे।उस दौरान उन्होंने रेलकर्मियों की मांगों को लेकर सबसे बड़ी हड़ताल कराई थी। जिससे 15 लाख से अधिक रेलकर्मियों के शामिल होने से मानो देश ही ठहर गया था। इस घटना के कुछ समय बाद ही इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थोपा था।यही जॉर्ज फर्नांडिस जहां जनता पार्टी सरकार में उद्योग मंत्री वहीं वाजपेयी सरकार में रक्षामंत्री रहे। तीन जून 1930 को जन्मे जॉर्ज फर्नांडिज का सियासी और निजी दोनों जीवन का विवादों से गहरा नाता रहा। पिछले आठ वर्ष से अस्वस्थ होने के बाद उन्होंने दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल में 29 जनवरी को आखिरी सांस ली।

बात 1971 की है। जार्ज फर्नांडिस को कोलकाता से दिल्ली लौटना था।एयरपोर्ट पर एक लड़की दिखी तो पहली नजर में ही दिल दे बैठे।एयरपोर्ट पर ही हाय-हैलो हुई, फिर फ्लाइट में बगल की सीट भी नसीब हो गई। पता चलता है कि लड़की का नाम लैला कबीर है और वह रेडक्रॉस में असिस्टेंट डायरेक्टर है। लैला नेहरू कैबिनेट में शिक्षा राज्य मंत्री और शिक्षाविद हुमायूं कबीर की बेटी थीं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब दिल्ली में विमान उतरा तो जॉर्ज ने लैला को घर तक छोड़ने की बात कही, मगर उन्होंने सिरे से मना कर दिया। फिर धीरे-धीरे दोनों की मुलाकातें होने लगीं। पहली मुलाकात के महज तीन महीने बाद ही 22 जुलाई 1971 को जार्ज फर्नांडिस की लैला से शादी हो गई।  लैला से मुलाकात के वक्त जार्ज फर्नांडिस सांसद बन चुके थे। वर्ष 1967 में जब मुंबई लोकसभा सीट से उन्होंने दिग्गज कांग्रेसी नेता एसके पाटिल को हराया, तब से सियासत में उनके सितारे शबाब पर पहुंच गए। जार्ज फर्नांडिस सोशलिस्ट पार्टी के संयुक्त सचिव भी रहे।

कोई और जिंदगी में आया तो टूटा रिश्ताः 25 जून 1975 को आपातकाल लगा तो गिरफ्तारी से बचने के लिए जॉर्ज को वेश बदलने पड़ा। कभी साधु, कभी सिख ड्राइवर तो कभी दक्षिण भारतीय परिधान में पहचान छुपाते रहे। बिना बताए जॉर्ज के गायब होने पर पत्नी लैला भाई के पास अमेरिका चलीं गईं। जब आपातकाल खत्म हुआ तो वह पत्नी को वापस लाए। फिर जनता पार्टी की सरकार बनी तो जॉर्ज फर्नांडिस उद्योग मंत्री बने। काफी ताकतवर नेताओं में गिनती होने लगी। इस बीच उनकी नजदीकियां जया जेटली नामक महिला से बढ़ने लगीं, जया जेटली जॉर्ज फर्नांडिस के महकमे में तैनात सचिव की पत्नी थीं। बताया जाता है कि जया और जॉर्ज कॉलेज में एक साथ पढ़े थे। इस बीच 1984 में लैला पति से अलग हो गईं। फिर जॉर्ज कुछ ज्यादा ही जया जेटली के नजदीक हुए।

जब 2009 में जॉर्ज की सेहत खराब हुई और वह बिस्तर पर पड़ गए तो फिर लैला उनकी जिंदगी में लौटीं और उन्होंने कोर्ट से कहकर जया के मिलने पर रोक लगा दी। माना जाता था कि यह कदम उन्होंने संपत्ति पर मालिकाना हक के मद्देनजर उठाया। बता दें कि 1998 से 2004 के बीच वह एनडीए सरकार में रक्षामंत्री रहे। उनके कार्यकाल में ही पोखरण परमाणु परीक्षण और कारगिल की लड़ाई हुई। उनका विवादों से भी गहरा नाता रहा। रक्षा सौदों में घूसखोरी से जुड़े तहलका के स्टिंग में उनकी पार्टी समता पार्टी की सेक्रेटरी जया जेटली का नाम आने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।