भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के नेता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती के मौके पर श्रद्धांजलि स्वरूप आज दुबई में बुर्ज खलीफा पर उनकी वीडियो को चलाया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर शुक्रवार को यहां राजघाट पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। कोविंद और मोदी ने विजय घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके जीवन एवं विचारों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कामना की कि समृद्ध और दयालु भारत बनाने में बापू के आदर्श हमारा मार्गदर्शन करते रहें। राष्ट्रपति कोविंद के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विजय घाट पर शास्त्री के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
राजघाट में कई गणमान्य हस्तियों ने गांधी के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की और इस दौरान सर्वधर्म प्रार्थना की गई तथा राष्ट्रपिता के प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो’ और ‘रघुपति राघव राजा राम’ गाए गए। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और गजेंद्र सिंह शेखावत तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद समेत कई गणमान्य हस्तियों ने राजघाट में राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी।
इसी बीच, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन ‘‘वैष्णव जन तो’’ को शुक्रवार को बापू की 151वीं जयंती पर कश्मीरी भाषा में जारी किया गया। इसका उद्देश्य क्षेत्र में शांति के संदेश का प्रसार करना है। इस भजन की रचना 15वीं शताब्दी के गुजराती कवि-संत नरसिंह मेहता ने करीब 600 साल पहले की थी। यह भजन मानवता, सहानुभूति और सत्यता जैसे मूल्यों का संदेश देता है, जिनका गांधी जी ने जीवन भर निष्ठापूर्वक पालन किया।
यही वजह है कि लोकप्रिय कश्मीरी गायक गुलज़ार अहमद गनेई और लेखक शाज़ा हक़बारी के साथ मिलकर कार्यकर्ता कुसुम कौल व्यास ने महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर इस जारी करने का मन बनाया। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ यह मूल रूप से गुजराती गीत है और इसलिए कई लोग इसका वास्तविक अर्थ समझ नहीं पाते। मैंने सोचा की अगर इसका कश्मीरी भाषा में अनुवाद किया जाए, तो शायद शांति और सौहार्द का संदेश लोगों तक पहुंच पाए। शायद कुछ लोग इस गीत के बारे में और क्यों यह गांधी जी को इतना पसंद था इसके बारे में सोचने लगे।’’
इससे पहले, महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर शुक्रवार को तुषार गांधी ने ट्वीट किया कि आज हम में से किसी को भी गांधी या फिर शास्त्री की का नाम लेने का हक नहीं है।
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गांधी कथा का आयोजन करने से लेकर समाज में धर्मनिरपेक्षता और समानता के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए अपने जीवन में महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन करने वाले लोग आज की दुनिया में शांति और सौहार्द्र के उनके संदेशों को लगातार प्रसारित कर रहे हैं।
उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि ऐसी दुनिया में, जहां आतंकवाद और जघन्य अपराधों ने लोगों को झकझोर दिया है, व्यक्ति को मानवता में विश्वास न खोने के महात्मा गांधी के दर्शन को याद रखना चाहिए। नायडू ने यह भी कहा कि सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक के साथ ही पर्यावरणीय समस्याओं से ग्रस्त दुनिया में गांधीवादी आदर्शों को पुनर्जीवित करना समय की आवश्यकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कृषि संबंधी कानूनों को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया और कहा कि इन ‘काले कानूनों’ के खिलाफ उनकी पार्टी का संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि इन कानूनों के खिलाफ चल रहा आंदोलन सफल होगा और किसानों की जीत होगी। सोनिया ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘आज किसानों, मजदूरों और मेहनतकश लोगों के सबसे बड़े हमदर्द, महात्मा गांधी जी की जयंती है। गांधी जी कहते थे कि भारत की आत्मा भारत के गांव, खेत और खलिहान में बसती है। आज ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देने वाले हमारे पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती भी है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘ आज देश के किसान और खेतों में काम करने वाले मजदूर कृषि विरोधी तीनों काले कानूनों के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। अपना खून पसीना देकर देश के लिए अनाज उगाने वाले अन्नदाता किसान को मोदी सरकार खून के आंसू रुला रही है। ’’
पाकिस्तान के खिलाफ 1965 के युद्ध के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जॉन्सन ने प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को धमकी दी थी कि अगर आपने युद्ध विराम नहीं किया तो हम आपको पीएल 480 के तहत जो लाल गेहूं भेजते हैं, उसे बंद कर देंगे. उस समय भारत गेहूं उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं था. लाल बहादुर शास्त्री बहुत स्वाभिमानी व्यक्तित्व थे. उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जॉन्सन की बात बहुत गहराई तक चुभ गई. प्रधानमंत्री शास्त्री ने देशवासियों से अपील कि हम हफ्ते में एक वक्त भोजन नहीं करेंगे. लेकिन देशवासियों से यह अपील करने से पहले शास्त्री ने अपनी पत्नी ललिता से कहा था कि हमारे यहां सिर्फ एक वक्त का खाना ही बनेगा. भारत के लोगों ने अपने जनप्रिय प्रधानमंत्री की बात मानी और एक वक्त का भोजन करना छोड़ दिया था।
अपना सारा जीवन राष्ट्रसेवा में समर्पित करने वाले भारत के लाल का जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में दो अक्टूबर 1904 को शारदा प्रसाद और रामदुलारी देवी के परिवार में हुआ था. भारत के स्वाधीनता संग्राम में लाल बहादुर शास्त्री जी ने विशेष योगदान दिया है. सोलह साल की छोटी उम्र में साल 1920 में वे भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए थे. 1921 का असहयोग आंदोलन, 1930 का दांडी मार्च और 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन, इत्यादि वे राष्ट्रव्यापी आंदोलन रहे जिनमें शास्त्री जी कीअहम भूमिका रही.
शास्त्री कभी निजी इस्तेमाल के लिए सरकारी कार का इस्तेमाल नहीं करते थे। एक बार जब उनके बेटे ने इसका इस्तेमाल निजी तौर पर किया तो उन्होंने किलोमीटर के हिसाब से पैसा सरकारी खाते में जमा करवाया दिया था। जब वो देश के पीएम बने तब उनके पास अपना ना घर था और न ही कोई कार। उनके खाते में इतने पैसे भी नहीं थे कि वो कार खरीद सकें। बाद में बच्चों के कहने पर उन्होंने बैंक से लोन लेकर एक कार खरीदी थी।
बलिया के रहने वाले रूपेश सिंह ने सैंड आर्ट के जरिए महात्मा गांधी को याद किया है। उन्होंने जमीन पर रेत के सहारे कलाकृति बना कर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स के छात्र रह चुके रूपेश अपनी कला के माध्यम से महात्मा गांधी की छवि उकेर कर गांधी जयंती पर सार्थक संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं।
'गाँधी की मृत्यु' नाम का एक नाटक 1956 में हंगरी के एक प्रसिद्ध लेखक नेमथ लॉस्लो ने लिखा था। नेमथ लास्लो ने यह नाटक महात्मा गांधी की हत्या के आठ साल बाद लिखना शुरू किया था जिसका घटनाक्रम हत्या से पहले एक साल के इर्दगिर्द बुना गया। कुछ वर्ष बाद 1974 में हंगरी में ही इस नाटक का मंचन भी हुआ।
पाकिस्तान के खिलाफ 1965 के युद्ध के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जॉन्सन ने प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को धमकी दी थी कि अगर आपने युद्ध विराम नहीं किया तो हम आपको पीएल 480 के तहत जो लाल गेहूं भेजते हैं, उसे बंद कर देंगे. उस समय भारत गेहूं उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं था. लाल बहादुर शास्त्री बहुत स्वाभिमानी व्यक्तित्व थे. उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जॉन्सन की बात बहुत गहराई तक चुभ गई. प्रधानमंत्री शास्त्री ने देशवासियों से अपील कि हम हफ्ते में एक वक्त भोजन नहीं करेंगे. लेकिन देशवासियों से यह अपील करने से पहले शास्त्री ने अपनी पत्नी ललिता से कहा था कि हमारे यहां सिर्फ एक वक्त का खाना ही बनेगा. भारत के लोगों ने अपने जनप्रिय प्रधानमंत्री की बात मानी और एक वक्त का भोजन करना छोड़ दिया था।
साल 2018 में महात्मा गांधी की 149वीं जयंती पर बुर्ज खलीफा पर पर एक विशेष एलईडी शो का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय दूतावास, भारतीय वाणिज्य दूतावास ने मिलकर किया था। 2019 में भी गांधी और तिरंगा की तस्वीरें प्रदर्शित की गई थीं।
भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के नेता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती के मौके पर श्रद्धांजलि स्वरूप आज दुबई में बुर्ज खलीफा उनकी फोटो को प्रदर्शित (डिस्प्ले) करेगा। शाम 7 बजे ‘गांधीजी के संदेश की 21वीं सदी में प्रासंगिकता’ पर एक विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करेगा, इसके बाद रात 8.15 बजे बुर्ज खलीफा में एलईडी प्रोजेक्शन होगा।
गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती के अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (Delhi University Students Union) ने परिसर में सफाई अभियान चलाया और महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि दी। वहीं, डूसू ने महात्मा गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती के अवसर पर स्वच्छता अभियान चलाने का फैसला किया है।
प्रियंका गांधी दिल्ली में पंचकुइन्या रोड स्थित वाल्मीकि मंदिर में हाथरस के बेटी के लिए हो रही प्रार्थना सभा में पहुंच रही हैं। इस वाल्मीकि मंदिर में दो सौ दिन रुककर महात्मा गांधी जी ने स्वाधीनता की अलख जगाई थी।
जय जवान जय किसान भारत का ऐतिहासिक नारा लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था। वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारत के शास्त्री जी भारत के प्रधानमंत्री थे और उनके दिए इस नारे ने जहां देश की सेना को जोश से लबरेज किया तो साथ देश के किसान को भी अभिमान का अहसास दिया। यह भारत का राष्ट्रीय नारा भी कहलाता है।
अपना सारा जीवन राष्ट्रसेवा में समर्पित करने वाले भारत के लाल का जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में दो अक्टूबर 1904 को शारदा प्रसाद और रामदुलारी देवी के परिवार में हुआ था. भारत के स्वाधीनता संग्राम में लाल बहादुर शास्त्री जी ने विशेष योगदान दिया है. सोलह साल की छोटी उम्र में साल 1920 में वे भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए थे. 1921 का असहयोग आंदोलन, 1930 का दांडी मार्च और 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन, इत्यादि वे राष्ट्रव्यापी आंदोलन रहे जिनमें शास्त्री जी कीअहम भूमिका रही.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कृषि संबंधी कानूनों को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया और कहा कि इन ‘काले कानूनों’ के खिलाफ उनकी पार्टी का संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि इन कानूनों के खिलाफ चल रहा आंदोलन सफल होगा और किसानों की जीत होगी। सोनिया ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘आज किसानों, मजदूरों और मेहनतकश लोगों के सबसे बड़े हमदर्द, महात्मा गांधी जी की जयंती है। गांधी जी कहते थे कि भारत की आत्मा भारत के गांव, खेत और खलिहान में बसती है। आज ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देने वाले हमारे पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती भी है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘ आज देश के किसान और खेतों में काम करने वाले मजदूर कृषि विरोधी तीनों काले कानूनों के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। अपना खून पसीना देकर देश के लिए अनाज उगाने वाले अन्नदाता किसान को मोदी सरकार खून के आंसू रुला रही है। ’’
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर शुक्रवार को साबरमती आश्रम में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। कोरोना वायरस महामारी की वजह से इस आयोजन में गिने चुने लोग ही शामिल हुए। आश्रम के निदेशक अतुल पांड्या ने बताया कि महामारी के मद्देनजर आश्रम के निवासियो ने सीमित संख्या में परिसर में आयोजित प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया।’’ गौरतलब है कि महामारी की वजह से आश्रम आगंतुकों के लिए बंद हैं। इसी आश्रम में महात्मा गांधी ने वर्ष 1997 से 1930 तक निवास किया था और यह देश की आजादी की लड़ाई से करीब से जुड़ा रहा। इसका प्रबंधन साबरमती आश्रम सरंक्षण एवं स्मारक न्यास करता है। पांड्या ने कहा, ‘‘ हमारी पुरानी परंपरा रही है कि गांधी जयंती के दिन सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया जाता है। सामान्य दिनों में नागरिकों और विद्यार्थियों को इसमें आमंत्रित किया जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से आश्रम में रह रहे कुछ लोगों को ही प्रार्थना में शामिल होने की अनुमति दी गई।’’
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर शुक्रवार को यहां राजघाट पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। कोविंद और मोदी ने विजय घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके जीवन एवं विचारों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कामना की कि समृद्ध और दयालु भारत बनाने में बापू के आदर्श हमारा मार्गदर्शन करते रहें। राष्ट्रपति कोविंद के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विजय घाट पर शास्त्री के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। राजघाट में कई गणमान्य हस्तियों ने गांधी के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की और इस दौरान सर्वधर्म प्रार्थना की गई तथा राष्ट्रपिता के प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो’ और ‘रघुपति राघव राजा राम’ गाए गए।
महाराष्ट्र के मंत्री सुनील केदार ने बताया कि दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर वर्धा के जिला प्रशासन ने सेवाग्राम में हफ्तेभर तक चलने वाले कार्यक्रम की योजना बनाई है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य के पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री केदार ने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर वेबिनार (ऑनलाइन संगोष्ठी) का आयोजन होगा तथा विकास कार्यों का उद्घाटन डिजिटल माध्यम से किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दो अक्टूबर को गांधी की प्रतिमा से सुबह सात बजे पदयात्रा शुरू होगी जो सेवाग्राम में बापू कुटी तक जाएगी, जबकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सेवाग्राम में विकास कार्यों का ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे। जिले के अभिभावक मंत्री केदार ने बताया कि इसके अलावा सप्ताह के दौरान स्वास्थ्य शिविर लगाया जाएगा और स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शास्त्री का जन्म आज ही के दिन 1904 में उत्तर प्रदेश में हुआ था। वह भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से कहा, ‘‘ जय जवान, जय किसान.. राष्ट्र निर्माण के लिए भारत की युवा शक्ति का आह्वान करने वाले भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उनकी पुण्य स्मृति को सादर प्रणाम। आपने आजन्म ‘‘सादा जीवन उच्च विचार’’ के गांधीवादी जीवन मंत्र का निष्ठापूर्वक पालन किया।’’