भारत और चीन के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में खूनी झड़प को लेकर पूर्व कांग्रेस चीफ को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया है। गुरुवार को उन्होंने कहा है कि हमारे जवान 15 और 16 जून की दरमियानी रात निहत्थे नहीं थे। सच ये है कि हमारे सैनिकों ने एग्रीमेंट के तहत वहां पर हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया था।
डॉ.जयशंकर ने ट्वीट कर कहा- सीधे, तथ्यों पर चलते हैं। बॉर्डर ड्यूटी पर सभी फौजियों के पास हथियार थे। खासकर जब वे चौकियों से आगे बढ़ रहे थे। 15 जून को जो गलवान में थे, उनके पास भी थे। दरअसल, लंबे समय से यह परंपरा रही है कि वहां पर आमने-सामने के दौरान हथियारों का इस्तेमाल (1996 और 2005 एग्रीमेंट के अनुसार) नहीं किया जाएगा।
दरअसल, राहुल ने 20 भारतीय जवानों के शहीद होने पर गुरुवार को फिर से सरकार पर निशाना साधा था। सवाल किया कि ‘हमारे सैनिकों को हथियार के बिना खतरे की ओर से किसने भेजा और इसके लिए कौन जिम्मेदार है?’
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उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘चीन ने शस्त्रहीन भारतीय सैनिकों की हत्या करके बहुत बड़ा अपराध किया हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि इन वीरों को बिना हथियार के खतरे की ओर से किसने भेजा? क्यों भेजा? कौन जिम्मेदार है?’’
गांधी ने इससे पहले एक पूर्व सैन्य अधिकारी के साक्षात्कार का उल्लेख करते हुए ट्वीट किया, ‘‘चीन की हिम्मत कैसे हुई कि उसने हमारे निहत्थे सैनिकों की हत्या की? हमारे सैनिकों को शहीद होने के लिए निहत्थे क्यों भेजा गया?’’
कांग्रेस नेता ने बुधवार को भी इस मामले पर सवाल किया था, ‘‘प्रधानमंत्री खामोश क्यों हैं? वह छिपे हुए क्यों हैं? अब बहुत हो चुका। हमें यह जानने की जरूरत है कि क्या हुआ है।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘हमारे सैनिकों की हत्या करने की चीन की हिम्मत कैसे हुई? हमारी भूमि पर कब्जा करने की उनकी हिम्मत कैसे हुई?’’ बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए।