कोरोना की सुस्त चाल और रफ्तार पकड़ती महंगाई की मार के बीच तेल के दाम पर देश में फिलहाल लगाम लगती नहीं दिख रही है। बुधवार (30 मार्च, 2022) को नौवीं बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई। दोनों के ही दामों 80-80 पैसे का इजाफा हुआ, जिसके बाद कुल नौ दिनों के हिसाब से तेल में 5.60 रुपए (प्रति लीटर) वृद्धि हुई।
ताजा वृद्धि के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम 101.01 रुपए प्रति लीटर हो गया, जबकि एक लीटर डीजल की कीमत 92.27 रुपए (80-80 पैसे का इजाफा) हो गई। इस बीच, महाराष्ट्र के मुंबई शहर (देश की आर्थिक राजधानी) में पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमशः 115.88 रुपए और 100.10 रुपए (84 पैसे और 85 पैसे की बढ़ोतरी) प्रति लीटर जा पहुंचीं।
तमिलनाडु के चेन्नई शहर में पेट्रोल 75 पैसे की बढ़ोतरी के बाद 106.69 रुपए प्रति लीटर हो गया। वहीं, डीजल में 76 पैसे का इजाफा हुआ और यह 96.76 रुपए प्रति लीटर पर जा पहुंचा। पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर की बात करें, तो वहां पेट्रोल 110.52 रुपए प्रति लीटर हो गया है। यह दाम 84 पैसे का इजाफा किए जाने के बाद हुआ है और डीजल 80 पैसे की वृद्धि के बाद 95.42 रुपए प्रति लीटर हो गया है।
एक दिन पहले यानी मंगलवार (29 मार्च, 2022) को भी तेल के दाम में इजाफा हुआ था। पेट्रोल में 80 पैसे प्रति लीटर बढ़े थे। इस वृद्धि के बाद अधिकतर राज्यों की राजधानी में यह 100 रुपए लीटर के आंकड़े को पार कर गया। वहीं, डीजल के दाम 70 पैसे प्रति लीटर बढ़े।
वैसे, पेट्रोल और डीजल की कीमतें देशभर में बढ़ी हैं, लेकिन इनके दाम स्थानीय टैक्स के आधार पर अलग-अलग राज्यों में भिन्न हैं। मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में पेट्रोल के दाम पहले ही 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गये हैं। ज्यादातर राज्यों की राजधानी में भी पेट्रोल ‘शतक’ के आंकड़ें को पार कर चुका है।
इससे पहले, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम सात जुलाई, 2021 को 100 रुपये लीटर को पार कर गया था और एक समय 110.04 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। तब चार नवंबर को नरेंद्र मोदी सरकार ने वाहन ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती की थी।
पेट्रोल और डीजल की कीमतें रिकॉर्ड 137 दिन तक स्थिर रहने के बाद 22 मार्च को बढ़ाई गई थीं। तब से आठवीं बार (ताजा इजाफा) कीमतें बढ़ाई गई हैं। स्थानीय टैक्स के अलावा ईंधन के दाम पर माल ढुलाई लागत का भी असर पड़ता है।