भारत में कोरोनावायरस की वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद अब इसके इस्तेमाल की तारीख भी निश्चित की जा चुकी है। केंद्र सरकार ने 16 जनवरी से देशभर में वैक्सिनेशन प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए ऊर्जा मंत्रालय से लेकर रेलवे और रक्षा से लेकर नागरिक उड्डयन समेत करीब 20 मंत्रालय काम पर जुटे हैं। इतना ही नहीं पुलिस से लेकर शिक्षा तक अलग-अलग राज्य स्तर के दो दर्जन विभाग भी केंद्र सरकार के कोरोना वैक्सीन लोगों तक पहुंचाने के मिशन में भागीदार के तौर पर शामिल किए गए हैं।

कैसे शुरू होगी वैक्सीनेशन प्रक्रिया, क्या रहेगी मंत्रालयों की भूमिका?: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूशन कार्यक्रम से पहले सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस पर चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि सरकार की वैक्सीन उतारने की कोशिश किसी आम चुनाव की तैयारियों जैसी ही होगी। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को इसके लिए राज्यों से समन्वय बिठाने के लिए कह दिया गया है, ताकि वैक्सीन के स्टोरेज की जगहों पर लगातार बिजली व्यवस्था मुहैया कराई जा सके।

इसके अलावा रेलवे, जिसके अस्पतालों और अन्य परिसरों में भी वैक्सिनेशन के सत्र होने हैं, वह अपने टिकटों पर वैक्सीन की ब्रांडिंग करेगी। इथना ही नहीं श्रम मंत्रालय भी राज्य कर्मचारी बीमा निगम के अपने अस्पतालों और स्टाफ के नेटवर्क के साथ वैक्सिनेशन प्रक्रिया में हिस्सा लेगा। दूसरी तरफ रक्षा मंत्रालय वैक्सीन की सप्लाई उन जगहों पर भी सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा, जहां इनका पहुंचना काफी मुश्किल है, या जो जगहें संवेदनशील हैं। इसके अलावा मंत्रालय वैक्सीन को लोगों तक पहुंचाने के लिए अपने पुराने सेवाकर्मियों के नेटवर्क की भी मदद लेगा।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने वैक्सीन के प्रसार के लिए अब तक एयरलाइंस कंपनियों, एयरपोर्ट्स और ग्राउंड हैंडलिंग कंपनियों से बात की है। यह मंत्रालय मुख्य तौर पर वैक्सीन को लाने-ले जाने के दौरान उनके रख-रखाव और उनके तापमान को बनाए रखने की जरूरतों को सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है। शुक्रवार को ही डीजीसीए ने एयरक्राफ्ट कंपनियों को ड्राइ आइस में पैक हुई वैक्सीन को ले जाने से संबंधित गाइडलाइंस जारी की थीं।

केंद्र सरकार ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय को अपने गांव स्तर के सार्वजनिक सेवा केंद्रों से लोगों का वैक्सीन रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा है। इसके अलावा मोबाइल सर्विस प्रोवाइडरों से टेक्स्ट और वॉइस मैसेजों के जरिए वैक्सिनेशन की जानकारी पहुंचाने के लिए कहा गया है।

इसी के समानांतर राज्य स्तर पर कई मंत्रालय केंद्र के साथ समन्वय में काम करेंगे। इसमें लोक निर्माण विभाग के साथ, शिक्षा और पुलिस तंत्र को भी वैल्यू चेन में शामिल किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, सरकार की तरफ से कॉमन स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर भी जारी किया जा चुका है। सभी कर्मचारी इसी के तहत वैक्सिनेशन में अपनी जिम्मेदारियां निभाएंगे।

बताया गया है कि राज्यों में लोक निर्माण विभाग उन जगहों की पहचान करेंगे, जहां टीकाकरण किया जाएगा। इसके अलावा उन जगहों पर जरूरी आपूर्ति से लेकर पीने के पानी तक की व्यवस्था की जाएगी। पुलिस विभाग वैक्सीन की स्टोरेज से लेकर उनके एक-जगह से दूसरी जगह पहुंचाने और टीकाकरण वाली जगह पर सुरक्षा मुहैया कराने का काम करेगा। इसके अलावा शिक्षा विभाग अपने स्कूल टीचर और शिक्षा मित्रों के जरिए वैक्सीन के प्रति जागरुकता फैलाने के काम में आएगा। शिक्षा विभाग के कर्मचारी अभिभावकों को पहले फेज में उनके बच्चों को वैक्सीन न लगाने के फैसले पर भी जानकारी देंगे।

दूसरी तरफ पंचायती राज का तंत्र जिला परिषद और पंचायतों के अंतर्गत आने वाले स्वास्थ्यकर्मियों का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के लिए यहीं से टीकाकरण की जगह और आगे की योजना तय होगी। माना जा रहा है कि वैक्सिनेशन के पहले फेज में 70 लाख स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया जाएगा।