पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह जल्द ही अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा करेंगे। अगर किसान आंदोलन का समाधान उनके हित में हो जाता है तो पंजाब में बीजेपी के साथ गठजोड़ कर सकते हैं। अमरिंदर सिंह ने नई पार्टी बनाने पर कहा कि अकाली दल से अलग हुए नेताओं सहित समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने का भी विचार है। उनका कहना है कि पंजाब में अगली सरकार उनके दखल के बगैर नहीं बन सकेगी।

अमरिंदर ने सितंबर में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर यह साफ कर दिया था कि वह सिद्धू और आलाकमान के सामने झुकने वाले नहीं है। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा था कि पिछले दो महीने से कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें अपमानित किया। उन्होंने दो बार विधायकों को दिल्ली बुलाया और अब चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रखी है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा था कि अब आलाकमान जिसे चाहे प्रदेश का नेतृत्व का सौंप सकता है। 

भविष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि हमेशा एक विकल्प होता है। समय आने पर उस विकल्प का प्रयोग करेंगे। तब उन्होंने कहा था कि वह अपने उन समर्थकों के परामर्श से भविष्य के राजनीतिक कदम पर फैसला करेंगे, जो पांच दशकों से अधिक समय से उनके साथ हैं। हालांकि तब उन्होंने कहा था कि वे कांग्रेस में ही रहेंगे। अलबत्ता इस्तीफे के बाद वह पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। 

लेकिन जब सिद्धू ने पीपीसीसी चीफ से इस्तीफा दिया और कांग्रेस नेतृत्व सवालों के घेरे में आया तो उसके बाद उन्होंने अमित शाह समेत बीजेपी के नेताओं से मुलाकात कर संदेश दिया था कि अब कांग्रेस से उनकी नहीं निभने वाली। माना जा रहा था कि वह कांग्रेस से इतर अपनी राह बनाएंगे। नई पार्टी बनाने की घोषणा के साथ यह साफ हो गया कि वह कांग्रेस की राह में रोड़े बिछाने का कोई मौका छोड़ने नहीं जा रहे। ध्यान रहे कि इस्तीफे के बाद कैप्टन ने ऐलान किया था कि सिद्धू को हराने के लिए वह कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। वह उनके खि्लाफ मजबूत से मजबूत उम्मीदवार उतारेंगे।