भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का परिवार उनके कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स को नेशनल आर्काइव को दान कर रहा है। इसमें आधार कार्ड और पासपोर्ट शामिल है। कलाम के परिवार के सदस्य इस हफ्ते ऑर्काइव के अधिकारियों को खुद उनके यह डॉक्यूमेंट्स सौंपेंगे। पूर्व राष्ट्रपति के डॉक्यूमेंट्स में उनके भाषण और ग्लोबल लीडर्स की तरफ से मिली जन्मदिन की बधाइयां भी शामिल हैं। नेशनल आर्काइव में ना केवल कलाम के डॉक्यूमेंट्स रहेंगे बल्कि महात्मा गांधी समेत कई अहम हस्तियों के प्राइवेट डॉक्यूमेंट भी पहले से यहां मौजूद हैं।
कौन थे एपीजे अब्दुल कलाम?
एपीजे अब्दुल कलाम तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को जन्मे थे। देश के पूर्व राष्ट्रपति का बचपन काफी संघर्षों से गुजरा। कलाम हमेशा सीखने को सबसे ज्यादा तवज्जो देते थे। वह बचपन में अखबार बेचते थे, क्योंकि उनके परिवार के पास ज्यादा पैसे नहीं थे। इतना ही नहीं उनके पिता भी कुछ ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे। पूर्व राष्ट्रपति कलाम पांच भाई-बहन थे।
एपीजे अब्दुल कलाम ने कहां से की पढ़ाई?
अब्दुल कलाम ने पांच साल की उम्र में ही पढ़ना शुरू कर दिया था। रामेश्वरम से ही उन्होंने शुरुआती पढ़ाई शुरू की थी। कलाम पायलट बनना चाहते थे, लेकिन कुदरत ने उनके लिए कुछ और ही रच रखा था। एपीजे अब्दुल कलाम ने साल 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्पेस साइंस की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने डीआरडीओ में एंट्री की। यहां पर भी उन्होंने कई प्रोजेक्ट पर काम किया।
डॉ. कलाम जिनकी याद में स्विट्जरलैंड मनाता है साइंस डे
एपीजे अब्दुल कलाम को जुलाई 1992 में रक्षा मंत्रालय का वैज्ञानिक सलाहकार बनाया। कलाम साहब के नेतृत्व में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और इससे पूरी दुनिया को महाशक्ति बनने का एहसास दिलाया। अब वहीं बात उनके राजनीतिक सफर की करें तो वह साल 2002 में देश के राष्ट्रपति बने। वह राष्ट्रपति के पद पर 2007 तक काबिज रहे। उनका स्वभाव काफी अच्छा था। पूर्व राष्ट्रपति ने कई सारी किताबें भी लिखी हैं। भारत सरकार ने उन्हें 1997 में भारत रत्न, 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई 2015 की शाम को निधन हुआ था।