उत्तर प्रदेश सरकार पर लगातार हमलावर रहे पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने राज्य में हुए पंचायत चुनाव पर सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि पंचायत चुनाव में लोकतन्त्र का एनकाउंटर हुआ। मुझे शर्मिंदगी है कि निर्वाचन अधिकारी डीएम एक आईएएस हैं।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि वोटजीवी यूपी सरकार ने कितने दलित युवाओं को नौकरी दी? हाथरस की दलित बेटी व उसके परिवार को आज तक इंसाफ क्यों नहीं मिला? वादे के अनुसार पीड़िता के परिवार को मुआवजा व सरकारी नौकरी क्यों नहीं दी गई? क्या राष्ट्रपति जी ‘अंबेडकर स्मारक’ के उद्घाटन के समय योगी जी से ये पूछा? बीजेपी पर हमला करते हुए उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि आज भाजपा चिंतित है, फ्री-बिजली, फ्री-पानी आदि की बातें क्यों हो रही है?
बात तो होनी चाहिए दो गुटों को आपस में लड़ाने की, बात होनी चाहिए साम्प्रदायिक तनाव पैदा कर लोगों को असल मुद्दों से भटकाने की..ताकि महंगाई ना दिखे। जब जब बुनियादी मुद्दों पर बात होती है, भाजपा विचलित होती है। बीजेपी पर तंज करते हुए उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि चुनाव जो न करवाए?
मायावती ने मुख्यमंत्री रहते पूरे लखनऊ शहर को ‘बाबा साहेब आंबेडकर’ को समर्पित कर दिया। पूरे प्रदेश में बाबा साहेब के स्मारकों का निर्माण कराया, पार्क बनवाए, चौक बनवाए। तब भाजपा को यह ‘पैसे की बर्बादी’ लगती थी। आज लखनऊ में ‘सांस्कृतिक केंद्र’ बना रहे हैं। चुनाव जो ना करा दे।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत चुनाव हो रहे हैं। जिसमें विरोधियों की तरफ से लगातार राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। विपक्षी दलों ने सरकार के इशारे पर अधिकारियों द्वारा धांधली किए जाने का आरोप लगाया है। कई जगहों पर लगे हैं कि विपक्षी दलों के उम्मीदवारों को नामांकन करने से भी रोका गया है। बताते चलें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 22 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। इनमें से 21 उम्मीदवार सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हैं।