पूर्व कांग्रेस विधायक बी एम इदिनाबा के पोते अम्मार अब्दुल रहमान को NIA के छापे के बाद बुधवार को मंगलुरु के उल्लाल से गिरफ्तार किया गया। 35 साल के रहमान को इस साल मार्च में इस्लामिक स्टेट के केरल मॉड्यूल के सिलसिले में भी गिरफ्तार किया गया था। माना जाता है कि रहमान की भतीजी, केरल के उन 13 लोगों में से एक थी, जिन्होंने साल 2016 में आतंकी संगठन ISIS में शामिल होने के लिए देश छोड़ दिया था। जनवरी 2017 में दायर एक चार्जशीट में NIA ने संकेत दिया कि अजमाला और उसके पति शिफास ने बेंगलुरु के रास्ते भारत छोड़ दिया था।

NIA के अनुसार अजमाला का पति अफगानिस्तान में जाकर ISIS में शामिल हो गया था। एजेंसी को शक है साल 2018 में अजमाला की हत्या की जा चुकी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व कांग्रेस विधायक बी एम इदिनाबा का निधन साल 2009 में हुआ था।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने रहमान के अलावा बेंगलुरु में रहने वाले 22 साल के माडेशा एसपी उर्फ ​​अली मुआविया और कश्मीर के ओबैद हामिद और मुजम्मिल हसन भट को भी गिरफ्तार किया है। इसके अलावा रहमान की पत्नी की भी जांच की जा रही है। इन सभी पर IS से हमदर्दी रखने वाले मोहम्मद अमीन याह्या के साथ संबंध होने का आरोप है। अमीन याह्या को केरल के मल्लापुरम से 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

मोहम्मद अमीन को ISIS की जिहादी विचारधारा का प्रचार करने और नए सदस्यों की भर्ती के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, अमीन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए युवाओं को बरगलाता है। NIA की जांच में सामने आया था कि आमीन, कश्मीर, केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में आतंकी संगठन के नेटवर्क का विस्तार करने में कामयाब रहा था।

अमीन की गिरफ्तारी के बाद NIA को केरल मॉड्यूल के तार मिले औऱ फिर कोल्लम से मुहब अनवर और कोच्चि के एक डेंटिस्ट डॉ रहीस राशिद को गिरफ्तार किया। 2016 कासरगोड मामले में दायर चार्जशीट में NIA ने बताया था कि भारत छोड़ने के बाद सभी आरोपी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को जारी रखते हुए ISIS का प्रचार प्रसार करने में जुट गए थे। इसके लिए यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का बेधड़क इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन वह सिर्फ यहां तक सीमित नहीं हैं।

रहमान कि गिरफ्तारी तो संयोगवश हुई, साल 2016 में अजमाला के साथ जो लोग लापता हुए थे, उसमें से एक सोनिया सेबेस्टियन के पिता सेबेस्टियन फ्रांसिस ने अपनी बेटी और सात साल की पोती के प्रत्यर्पण की मांग के साथ अफगानिस्तान में एक याचिका दायर की थी। आशंका है कि सोनिया को तालिबान के साथ शक के आधार पर अफनागिस्तान की जेल में बंद किया गया है।