Soumyarendra Barik

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के लाभार्थियों के आधार विवरण राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के साथ साझा करने पर राज्यों के बीच गोपनीयता संबंधी चिंताओं और अनिच्छा के बावजूद खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से NFSA राशन कार्ड डेटा और आधार नंबर साझा करने का आग्रह किया है। माना जा रहा है कि राज्यों ने ऐसे डेटा ट्रांसफर के सुरक्षा पहलुओं के बारे में चिंता व्यक्त की है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ आरएस शर्मा ने 5 जनवरी को खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव को पत्र लिखकर बताया, “SECC (Socio economic and caste census) डेटाबेस में कमियों के कारण लाभार्थी की पहचान (AB PM-JAY के तहत) बेहद मुश्किल हो गई है। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण SECC डेटाबेस को समृद्ध करने के लिए विभिन्न तरीकों और साधनों की कोशिश कर रहा है, जिसका उपयोग लाभार्थियों को लक्षित करने के लिए किया जा सकता है। आधार और एनएफएसए के साथ SECC लाभार्थियों की संभावित मैपिंग से लाभार्थियों की आसान पहचान में मदद मिलेगी और आसानी होगी।

आरएस शर्मा के पत्र के जवाब में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के निदेशक विवेक शुक्ला ने 6 जनवरी को सभी राज्यों को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि लाभार्थी विवरण साझा करने में आवश्यक सहायता और सहयोग करें।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के एक अधिकारी ने द संडे एक्सप्रेस को बताया कि इस तरह के डाटा ट्रांसफर के सुरक्षा के पहलू और केंद्र द्वारा राजनीतिक लाभ लेने के लिए इसका इस्तेमाल करने की संभावनाओं के बारे में चिंता जताई।

ये भी जानकारी सामने आई है कि 4 जनवरी को खाद्य विभाग ,भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) और आईटी मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस मुद्दे को उठाया था।

हालांकि उसी बैठक में यूआईडीएआई के सर्कुलर पर भी चर्चा हुई ,जिसमें योजनाओं के प्रभावी निर्माण और लाभार्थियों के चयन के लिए आधार और संबंधित डाटा को आपस में साझा करने की अनुमति देता है। पिछले साल अक्टूबर में UIDAI ने आधार अधिनियम 2016 के तहत विभिन्न सरकारी विभागों के बीच आधार विवरण साझा करने की अनुमति दी थी।

2018 में शुरू की गई PM-JAY योजना का उद्देश्य 10.74 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को देखभाल हेतु अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है। लाभार्थियों का निर्धारण क्रमशः ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए SECC 2011 के आधार पर किया जाना है। NHA को PM-JAY योजना के क्रियान्वन का काम सौंपा गया है।