संसद का मानसून सत्र सोमवार यानी आज से शुरू हो रहा है मगर कोरोना वायरस से संक्रमित होने के चलते दर्जनभर से ज्यादा सांसद सत्र में भाग नहीं ले पाएंगे। लोकसभा सचिवालय को सांसदों के ऐसे कई पत्र भी मिले हैं जिसमें उन्होंने सदन में उपस्थित होने में असमर्थता जाहिर की।

द इंडियन एक्सप्रेस के दिल्ली कॉन्फिडेंशियल में छपे एक कॉलम के अनुसार 65 साल की उम्र से ऊपर के भी ऐसे कई सांसद हैं जो कोरोना के चलते कोई जोखिम उठाना नहीं चाहते। इस बीच पिछले तीन दिनों में कई सांसदों को अनिवार्य टेस्टिंग से गुजरा पड़ा। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान तीन भाजपा सांसद और दो शिवसेना सांसदों को कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। बता दें कि सत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय की सभी गाइडलाइन का कड़ाई से पालन होगा।

महामारी के चलते सत्र में कागज का कम से कम इस्तेमाल करने का प्रयास भी किया जा रहा है। सत्र में सांसद डिजिटल माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। सदन में प्रवेश करने के वाले सभी के शरीर का तापमान जांचा जाएगा और थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। सदन में 40 स्थानों पर टचलेस सैनिटाइजर लगाए गए हैं। आपातकालीन मेडिकल टीम और स्टैंडबाय पर एंबुलेंस की सुविधा रखी गई है।

उल्लेखनीय है कि मानसून सत्र में सीमा पर गतिरोध, कोरोना वायरस महामारी से निपटने और आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दे छाए रहने की संभावना है। विपक्षी पार्टियां इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराना चाहती हैं, वहीं सरकार की नजर करीब दो दर्जन विधेयकों को पारित कराने पर है। कोरोना वायरस महामारी की छाया के बीच संसद सोमवार से 18 दिन के मानसून सत्र के लिए पूरी तरह तैयार है। सत्र ऐसे समय आयोजित हो रहा है जब देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

सरकार की नजर 23 विधेयकों पर चर्चा और इसे पारित कराने पर है। इसमें 11 ऐसे विधेयक भी हैं जो अध्यादेशों का स्थान लेंगे। इनमें से चार विधेयकों का विपक्षी दल विरोध कर सकते हैं। ये चारों विधेयक कृषि क्षेत्र और बैंकिंग नियमन से जुड़े अध्यादेश का स्थान लेंगे। विपक्षी दलों ने महामारी से निपटने, अर्थव्यवस्था की स्थिति और लद्दाख में सीमा पर चीनी आक्रामकता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरने का फैसला किया है। (एजेंसी इनपुट)