मंगलवार को होने जा रही करनाल महापंचायत और लघु सचिवालय के घेराव को लेकर हरियाणा भारतीय किसान संघ प्रमुख गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि करनाल प्रशासन के साथ बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला। किसान अपनी पंचायत के साथ आगे बढ़ेंगे। मालूम हो कि 28 अगस्त को किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ महापंचायत हो रही है।
चढ़ूनी ने कहा कि मंगलवार को करनाल में एक विशाल पंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसके बाद किसान लघु सचिवालय का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ किसान मंगलवार सुबह करनाल की नयी अनाज मंडी में एकत्रित होंगे।’’ वहीं, करनाल के डीएम निशांत कुमार यादव ने कहा, ‘हमने किसानों के साथ बातचीत की। उनकी मांग जायज नहीं थी। कानून का उल्लंघन करने वालों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा और हमारे अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। हम उन्हें हाईवे और लघु सचिवालय का घेराव नहीं करने देंगे।’
साथ ही साथ करनाल के एसपी गंगा राम पुनिया ने कहा, ‘फोर्स की कुल 40 कंपनियां तैनात हैं। जिसमें से बीएसएफ समेत सीएपीएफ के अर्धसैनिक बलों की 10 कंपनियां तैनात हैं। पांच एसपी और 25 डीएसपी रैंक के अधिकारी तैनात किए गए हैं। वाटर कैनन, दंगा नियंत्रण वाहन, ड्रोन भी तैनात हैं।’ बता दें कि हरियाणा सरकार ने 28 अगस्त के पुलिस लाठीचार्ज को लेकर किसानों की महापंचायत और लघु सचिवालय के घेराव की योजना के एक दिन पहले सोशल मीडिया के जरिए “गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार पर काबू ” के लिए करनाल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का सोमवार को आदेश दिया।

गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, करनाल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सोमवार दोपहर 12:30 बजे से लेकर मंगलवार मध्यरात्रि तक बंद रहेंगी। साथ ही साथ कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत के लिए भी इंटरनेट/एसएमएस सेवाएं 7 सितंबर (सोमवार रात से मंगलवार रात तक) के लिए निलंबित कर दी गयीं। आदेश में कहा गया है कि मोबाइल फोन और एसएमएस पर व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों के जरिए गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार पर काबू के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया गया है। इसमें कहा गया है कि हरियाणा के सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है।
इससे पहले करनाल में मंगलवार को लघु सचिवालय का घेराव करने के किसानों के कार्यक्रम से एक दिन पहले प्रशासन ने सोमवार को लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया। अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया है।