कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान आज दोपहर पुलिसकर्मियों के साथ दिल्ली-जयपुर हाईवे पर भिड़ गए। दरअसल पुलिस किसानों को दिल्ली जाने से रोक रही थी। इस दौरान लगभग 20 किसानों को हिरासत में लिया गया और 200 से अधिक किसानों ने गिरफ्तारी के खिलाफ धरना दिया। हालांकि किसानों को लगभग एक घंटे बाद छोड़ दिया गया। पुलिस ने जब प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने की कोशिश की तो किसानों ने ट्रैक्टरों के जरिए हाईवे के एक हिस्से को जाम कर दिया। इस दौरान पुलिसकर्मी ट्रैक्टरों पर चढ़ चाबियां छीनते दिखे। पुलिस ने किसानों से बातचीत कर हाईवे साफ करने के लिए पूरी कोशिश की। इस दौरान किसान और पुलिस की कई जगह झड़पें हुईं। हरियाणा के बावल में दोपहर 1 बजे किसानों को दिल्ली-जयपुर हाईवे पर रोक दिया गया। एक घंटे तक बातचीत के बाद उन्हें दिल्ली जाने दिया गया।

पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों ने बांकीपुर चौक पर मोर्चाबंदी की। फिर भी ट्रैक्टरों पर सवार किसान रुके नहीं और दोनों पक्षों में टकराव हुआ। रेवाड़ी की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मेधा भूषण, ने बताया, “इस समय हमारा प्रयास है कि हाईवे साफ रहे।” बता दें कि रेवाड़ी में, शांतिपूर्ण विरोध अभी भी जारी है।

कल योगेंद्र यादव ने दिल्ली मार्च कर रहे किसानों का नेतृत्व किया था। स्वराज इंडिया के प्रमुख ने कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री कहते हैं कि यह एक ऐतिहासिक तोहफा है, लेकिन किसान इस तोहफे को नहीं चाहते हैं।”

बता दें कि आज देश भर के कई किसान नेताओं ने भूख हड़ताल की। दरअसल, किसानों की ओर से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की जा रही है। नवंबर के अंत में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन ने बड़ा स्वरूप ले लिया है। किसानों का कहना है कि ये कानून उन्हें कॉर्पोरेट्स की दया पर छोड़ देगा। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कानून किसान की आमदनी को बढ़ाएंगे।