मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से सटी सीमाओं पर किसानों का आंदोलन पिछले 9 महीने से जारी है। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने न्यूज़ चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए कहा है कि अगर सरकार उनकी बात नहीं मानेगी तो वह पूरे देश में जाएंगे।
वरिष्ठ पत्रकार निधि कुलपति ने टिकैत से पूछा कि आप भारत बंद करने वाले हैं। इससे क्या हासिल होगा? इसपर किसान नेता ने कहा, “आंदोलन से क्या हासिल होता है। इस देश में अपनी बात कहने का कौन सा तरीका है? वो तरीका बता दो। सरकार से पूछना चाहिए कि किसान कौन सी भाषा में अपनी बात कहे जो आपको समझ आए।” इसपर पत्रकार ने उनसे पूछा कि जो केंद्र सरकार मे गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है। सरकार का कहना है कि 5 करोड़ किसानों को फायदा होगा। क्या आप इससे खुश हैं?
इसपर टिकैत ने कहा, “पांच रुपए से हो जाएगा फायदा? अपनी तनख्वाह भत्ते पिछले 5 साल में कितनी बार बढ़ाए? वो भी तो बता दो। प्रति क्विंटल 5 रुपये बढ़ाए हैं। किलो के हिसाब से कितना हुआ? मतलब हमारा बढ़ेगा क्विंटल में और वैसे बढ़ेगा किलो पर। 5 रुपये कोई चाँदी या सोने का दे रहे हैं क्या? 5 डॉलर तो नहीं बढ़ा दिये, धोखा हो गया हो गलती से रुपये बोल दिये।”
टिकैत ने कहा, “अभी यूपी चुनाव को टाइम है। उससे पहले पंचायत करेंगे, आगे की रणनीति बनयेंगे। 9 महीने हो गए अब सरकार नहीं मान रही तो आगे के बारे में सोचेंगे। अब पूरे देश में जाएंगे। अभी तमिलनाडु गए थे। पूरे देश की हालत खराब है। पूरे देश के नौजवान बेरोजगार हैं।”
टिकैत ने गन्ना किसानों को दिए जाने वाले न्यूनतम मूल्य में वृद्धि पर ट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा, ” केंद्र सरकार FRP में 5 रुपए की वृद्धि कर ऐतिहासिक फैसला बता अपनी पीठ थपथपाने से रुक नहीं रही है। उत्तर भारत कई राज्यों में गन्ने का SAP इससे ज्यादा है। ऐसे में सवाल है कि यह मूल्य उचित और लाभकारी कैसे हो सकता है। फार्मूला बताओ।”