Bhartiya Kisan Union के नेता राकेश टिकैत कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार के अब तक के रुख से समझा जा सकता है कि केंद्र तीनों कानून वापस लेने के मूड में नहीं दिख रही है। इसी मसले पर टिकैत से हिंदी खबरिया चैनल ‘Aaj Tak’ के इंटरव्यू में पूछा गया था कि अगर सरकार किसानों की मांगें नहीं मानेगी, तब क्या करेंगे? बीकेयू प्रवक्ता ने दो टूक जवाब दिया, “आपकी क्या सरकार से बातचीत हो रही है?”

किसान आंदोलन का कथित तौर पर सबसे बड़ा चेहरा बन चुके टिकैत उस दौरान एक ट्रैक्टर पर थे। वहीं, चैनल की ओर से न्यूज एंकर अंजना ओम कश्यप और चित्रा त्रिपाठी उनसे तीखे सवाल पूछ रही थीं। केंद्र द्वारा मांगे न माने जाने से जुड़े सवाल पर जब चित्रा को टिकैत का वह जबाव मिला, तो उन्होंने कहा- सरकार का जो रुख है…सदन में हो या फिर सड़क पर…उससे लग तो नहीं रहा कि सरकार तीनों कानून रद्द करने के मूड में है।

टिकैत ने इस पर उनसे कहा, “हमें ही क्या जल्दी है, जो हम घर जाने लगे?” त्रिपाठी ने फिर वही सवाल दोहराया- अगर वह नहीं करेंगे (कानून वापसी) तब क्या करेंगे? टिकैत बोले- यहीं (गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल) रहेंगे। इंटरव्यू में यह पूछे जाने पर कि वे 18 माह इसे टालने पर राजी हैं, पर आप लोग तैयार नहीं हैं? टिकैत बोले- 18 महीने बाद फिर आएगा। बीमारी जहां आए, वहीं काट दो। अगर किसी को कैंसर हो जाए, तो उसे खत्म करेंगे या फिर 18 महीने के लिए रोकेंगे?

बातचीत के दौरान बीकेयू नेता ने यह भी बताया कि नीति सड़क से बदली जाएगी। उनके मुताबिक, “हमें पीएम से मिलने का शौक नहीं है। हमने मुज्जफरनगर के डीएम से पीएम का काम लिया है।” हालांकि, उन्होंने अंत में यह भी कहा कि हम बातचीत के लिए किसान हर समय तैयार हैं। बकौल टिकैत, “वे (सरकार) जब चाहे, हम तैयार हैं। 24 घंटे तैयार हैं। कभी भी। बुलावा भेज दिया जाए, तो किसान कभी भी हाजिर हो जाएंगे।”